“राघव ,इधर आओ …देख लो सब; पिताजी के सारे कपड़े मैंने वृद्ध आश्रम में देने के लिए निकाल दिए हैं। बाकी जो सामान है उसे भी देख लो क्या रखना है और क्या नहीं। मुंबई जाने से पहले मैं सारे काम निपटा लेना चाहती हूं। और हां….. सबसे पहले इन […]

पुस्तक—– वुमन आवाज –2 संपादक —- शिखा जैन समीक्षा — आरती प्रियदर्शिनी  इंदौर के संस्मय प्रकाशन के अंतर्गत शिखा जैन के कुशल संपादन में प्रकाशित पुस्तक “वुमन आवाज-2” अनेकों महिलाओं की कृतियों से सुसज्जित एक बेहतरीन पुस्तक है। पुस्तक के हर पन्ने पर हिंदुस्तान की आधी आबादी का अक्स झलकता […]

एक नारी दूसरी नारी को समझेगी तब सम्मान की बगिया खिलेगी खुशी से निभाओं अपने हर   फर्ज आँसू का सूत समेत चुकाना कर्ज मानती हु हर रिश्ता है तुम्हारी जान पर मत भूलना प्यार से बड़ा है मान बेशक आएगा तुम्हारे ख्वाब में एक नवाब पर तुमसे खेले तो […]

किन्नर में समाए नर और नारी से सीखो तुम, उस बसे अर्ध नर से सीखो तुम। हंसी निकलती है इन्हें देख,इन्हें हंसाना सीखो तुम, नर-नारी का दोनों है वो रुप उन्हें अपनाना सीखो तुम। रब की कृति सुंदर है,इस कृति को प्यार करना सीखो तुम, हर स्थिति में इनसे खुश […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।