जीवन में हम कृतिम रंगों का तो आंनद लेते हैं बहुत । हर रंग का अपना -अपना होता है आकर्षण और महत्व पर मैं तो दो ही रंग को मानता हूँ असली । ये दो रंग ही साथ चलते हैं जीवन भर हमारे । कहते हैं इन्हें – सुख और […]

सच ही है यह असहाय हो जाता है उस वक्त एक पिता जब समर्पित कर देता है वह अपने जिगर के टुकड़े को दस्तूर और विश्वास के चलते एक अजनबी के हाथ। मानकर यह – कि रहेगी वहाँ सदा सुखी और सम्पन्न मिलेंगी उसे खुशियां अपार होगा उसका अपना भी […]

सत्तर की उम्र पार कर रहे रमेश और उनकी पत्नि राधा अपनी बहू रमा की तारीफ करते नही अघाते । जब भी कभी उनसे मिलने कोई रिश्तेदार या पड़ोसी आये – रमा की तारीफों का टेप चालू हो जाता । आगंतुक भी रस ले लेकर रमा की बडाई करते। साथ […]

रमा के मौन व्रत का आज सातवां दिन था। उसने परिवार में सबसे बोलना बंद कर दिया था। दिन भर सबके काम करना और फिर चुपचाप अपने कमरे में चले जाना ही अब उसकी दिनचर्या  थी । बीमार सास की सेवा करना उसका ध्येय था किंतु जेठानी की अनावश्यक दखलंदाजी […]

सम्पन्न और शिक्षित परिवार में जब रमेश के यहां पहली पुत्री का जन्म हुआ,तो पूरे कटुम्ब में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। ऐसा नहीं था कि,इस परिवार में पहले किसी कन्या का जन्म नहीं हुआ था,पर रमेश के घर जब कन्या ने जन्म लिया तो यह कहकर खुशियां मनाई गईं […]

दिन वही,रात वही, वही है प्रकृति भी पर जरूरी होती है गणना… इसीलिए मान लेते हैं हम सब, बदल गया दिन,माह या साल जबकि बदलता नहीं कुछ भी। यह मान लेना ही भर देता है, अंतस और जीवन में हमारे खुशियां। गणित का सिद्धांत भी कहता है यही- चलें मानकर, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।