भारत देश महान बने सब, लोग निरोग रहे जन भावन। मेल मिलाप रहे सब धर्मन, जाति सबै मिल देश बनावन। सीम सुरक्ष करे बल सैनिक, शत्रु बिसात पड़े कस आवन। *लाल* हमार स्वदेश हिते सब, मानव मानस मान मनावन। रीत सु प्रीत निभे अपनी बस, चाह शहादत मानस भारत। आन […]

माया है  संसार  यहाँ  है सत  नारी। जन्माती  है, पूत निभाती वय सारी। बेटी माता  पत्नि बनी वे बहिना भी। रिश्ते प्यारे खूब  निभे ये कहना भी। होती है श्रृद्धा मन से ही जन मानो। नारी  सृष्टी  सार  रही  है पहचानो। नारी का  सम्मान करे  जो मन मेरे। हो जाए  […]

१. हरड़े  भरड़े  आँवले, लो तीनो  सम  तोल। कूट पीस कर छानिए,त्रिफला है अनमोल।। २. पाँच भाँति के नमक से,करो चूर्ण तैयार। दस्तावर  है  औषधि, कहते  पंचसकार।। ३. ताजे माखन में सखी, केसर  लेओ घोल। मुख व होठों पर लगा,रंग गुलाब अमोल।। ४. सूखी  मेंथी  लीजिए, खाएँ मन  अनुसार। किसी […]

मेरी प्यारी भारत माँ की जय बोेलो। दीवानों का देश  स्वयं के मन तोलो। आजादी का  दौर अनूठा मत भूलो। हिन्दुस्तानी  वीर शहीदी  मन झूलो। फैलाते जो रोग जिहादी विष धीमा। आतंकी घातें  चल रोकें अब सीमा। मेरा प्यारा भारत  होगा जग जीता। आएगा वो  दौर पुराना  अब बीता। सीमाओ […]

जय भारत वंदन,जन अभिनंदन, सैनिक सीमा, रखवाला। जहँ बहती गंगा, शान तिरंगा, देश हमारा, मतवाला। सबकी अभिलाषा, हिन्दी भाषा, संविधान है, अरमानी। हम शीश नवाते, वंदन गाते, भारत माता, सन मानी। जय हिन्दुस्तानी,रीत सुहानी, मात भारती,भयहारी। सागर पद परसे,जन मन हरषे, लोकतंत्र जन, सुखकारी। इतिहास पुराना,सब जग जाना, विश्व गुरू […]

हे  कैलाशी , घट  घट वासी, मन मेरा ,दर्शन  अभिलाषी। हे  शिव  शंकर , प्रलयंकारी, तांडव कर,भोले अविनाशी। डमरू  वाले ,  गौरी  शंकर, कर त्रिशूल, बाघम्बर धारी। हे,जगपालक, जगसंहारक, भूतनाथ, शिव  मंगलकारी। कंठ हार  में,  नाग  सोहते, नीलकंठ,  भोले  त्रिपुरारी। जटाजूट सिर, चन्द्र गंग है, भंग विल्व, संगत आहारी। हे   […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।