परिवार  एकता जहां देखता स्वर्ग वही पर लगता है सबके चेहरे खिले खिले से सुंदर उपवन वह लगता है याद बड़ो को जो नित्य करते आशीष उन्हें ही मिलता है हर बाधा दूर हो जाती खुशियो का गुलदस्ता सा लगता है जिसे देश की चिंता रहती देशभक्त वही तो होता […]

क्या लिखूं क्या न लिखूं लिखा कुछ जाता नही आज के बदतर हालात पर कहा कुछ जाता नही रिश्ते नाते सगे सम्बन्ध सिर्फ दिखावे को रह गए खोजने चलो उनमे अपनत्व कुछ भी हाथ आता नही राजनीति ने ले लिया अब सच से ही पूरा सन्यास जिस राजा पर किया […]

अमृतसर ट्रेन हादसा…………  धू ..धू ..धू..धू जलता रावण, पटरी पर खड़े लोग, एक सौ बीस की रफ्तार से गुजरी ट्रेन, लाशें ही लाशें, चीखें ही चीखें, वो भयानक मंजर, आखिर जिम्मेदार कौन ? ह्रदय विदारक घटना में बच्चे,बूढ़े,जवान की चली गई जान थे जो काल से अनजान ।। हे । […]

रावण के किरदार में देखो राम आ गया अपनी जान देकर चौदह की जान बचा गया उसने नहीं खोजी थी गलती किससे हो गई रावण जलाने निकले थे अनेको की जान चली गई पहनावे में वह रावण था संवाद में वह रावण था व्यवहार में राम हो गया साक्षात भगवान […]

जीते जी जो सेवा करते माता पिता का हर ध्यान जो रखते उनकी हाँ में हाँ मिलाते बड़े होने पर भी आंख न मिलाते अच्छी होती वह संतान मरने के बाद भी जो स्मरण करते उस संतान की अनूठी शान माता पिता के जो पथानुगामी बनते यशस्वी होती ऐसी सन्तान […]

रावण के पुतले जले रावण फिर भी रह गया रावण तो हमारे भीतर है रावण खुलकर कह गया रावण को समझ थी राम से मोक्ष पाने की सीता तो उसकी माता थी जिसे वह साथ ले गया रावण जलाने से पहले कभी एक बार सोचो यह भी जो जला रहे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।