बाधायें आती हैं आयें चाहे जितना प्रलय मचायें दुख के दावानल से चाहें गूँज उठे चहु ओर दिशाएँ पथ की इन बाधाओं से हमको हरदम लड़ना होगा, सूरज जैसा जलना होगा। जीवन की कंटक राहों में बिखरे जाने कितने शूल, आगे बढ़ने की अभिलाषा में मत जाना मानवता भूल, टेढ़ी-मेढ़ी […]

मेधा जब भी मुखरित होगी निजता का सन्दर्भ हटेगा, चेतन जब भी जागृत होगा अंतर्मन का क्लेश घटेगा, सुरभित होगा मन का स्वर मन से जन के मीत बनेंगें आशाओं के दीप जलेंगे। मन का कलुष भगायें यदि हम क्षमाशीलता   तब       जागेगी, सहिष्णुता की अलख जगेगी […]

आज के दौर की तालीम जो सरकारी है , उससे क्या फ़ायदा वो तो बस बाज़ारी है । काम आती है आग पेट की बुझाने को , है नही क़ौम की परवाह न ज़िम्मेदारी है । होड़ सी है मची डिगरी को हड़प लेने की , देश में भीड़ है […]

।।दोहा।। जयति जय माता सरयू, जय विष्णु अश्रु धार। मोहि पर अब कर किरपा ,करो   मोर उद्धार।। ।।चौपाई।। मानसरोवर निकली धारा । तुम्हरी महिमा अपरम्पारा।। महिमा तुम्हरी कही न जाई।शिवभूमि काली तट कहाई।। शारदा राप्ती है सहायक । छपरा गंगा संग विलायक। मैदान आ   सरयू कहाई । अपन […]

गांव में बहती नदी किनारे एक महात्मा जी रहते थे सभी को कर्म अपना करना है प्रवचन में प्रतिदिन कहते थे दूर-दूर से श्रोता थे आते सुन-सुन उपदेश वापस जाते धन्य कर रहे थे धरा को जो शरीर को साधन बतलाते प्रातः काल भ्रमण को जाते नदी स्नान कर वापस […]

आओ बच्चों तुम्हें सुनायें एक रोचक मधुर कहानी सत्यधर्म की बातें जिसमें सत्यव्रत और उनकी रानी     राजा का था अटल नियम एक पूर्ण और ठोस नियम जो भी बाजार में बिकने आये नहीं लौटकर वापस जाये     बचा सामान स्वंय खरीदकर वह अपना वचन निभाते थे सत्य […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।