लबों पे लेकर निकले हैं इंकलाब का नारा लोग, बदलेंगे तस्वीर वतन की हम जैसे आवारा लोग, ============================== ऐसी आँधी आएगी ज़ालिम तू भी बच ना पाएगा, सीना तान कर खड़े हुए हैं बेघर बेसहारा लोग, ============================== कर लीं जितनी करनी थी फरियादें गूँगे बहरों से, अब ना दोहराएंगे ऐसी […]

ये जो तुम आज ठूंठ देखते हो कभी हुआ करता था वृक्ष हरा भरा जिसकी हरियाली से थी घर में खुशहाली शीतल छाया में जिसके दिन भर की थकन पल में मिट जाया करती थी चारों तरफ को विस्तृत शाखाएं समेट लेती जेठ की चिलचिलाती धूप भरी दोपहरी भी जब […]

जब भी करता हूँ इक़रार अपनी चाहत का उससे सब जानकर भी बनते हुए अंजान अल्हड़पन से खिलखिलाती पूछने लगती है व्याख्या एहसासों की बिल्कुल पगली सी है कैसे समझाऊं उसे एहसास व्याख्यायित करने के लिए नहीं होते होते हैं खुशबू की तरह जो नज़र नहीं आते रंग होते हैं […]

रोज़ की तरह आज सुबह भी ले आया हूँ  एक खूबसूरत आज मजबूरियों के कत्लखाने में कि उतारकर खाल इसकी बोटी-बोटी कर बेच दूँगा शाम तलक ताकि भर सके मेरी और मेरे परिवार की ज़रूरतों का पेट ये दिन……… जिसे कुदरत ने पैदा होते ही सौंपा था मेरे हाथ में […]

दिल कहूँ दिलबर कहूँ दिलदार दिलरूबा कहूँ, कभी तुम्हें सनम कहूँ कभी तुम्हें खुदा कहूँ, ============================ हमसफर तू हमकदम तू हमदम तू हमराज़ तू, तुमको ही मंज़िल कहूँ तुमको ही रास्ता कहूँ, ============================ मौजूद ना होके भी तू हर वक्त मेरे पास है, महबूब मेरे किस तरह मैं तुझको बेवफा […]

कब दीवारों से झाँकता है कोई, मुझको शायद मुगालता है कोई, ==================== मुड़ के देखा हवा का झोंका था, लगा ऐसे पुकारता है कोई, ==================== रूबरू होती है मुलाकातें, अब कहाँ चिट्ठी बांचता है कोई, ==================== इस तरह आजकल वो मिलता है, जैसे एहसान उतारता है कोई, ==================== तुम्हें मालूम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।