बैसाखी के जश्न में क्यूँ ये दहशत खलल की है! आज भी नन्हे चेहरों की मुस्कान बेदखल–सी है।। ये वजूद मेरे भारत का सदियों याद किया जायेगा, नम अश्रु नयन से जलियांवाला कांड सदा रुलायेगा।। चल दिये कारवां लेकर शामिल होने बाग में, क्या पता था अंग्रेज़ी साज़िश बिछी है […]

दिन था बैसाखी का चहूं ओर ख़ुशियाँ थीं फैली, वह क्रूर अत्याचारियों ने बच्चों तक की जानें ले लीं। जलियांवाला कांड है बलिदान वीरों की कहानी, यह वह मंज़र था, जहाँ दिलों में अमर्ष और आँखों में पानी। भीगे हुए थे रक्त में पल्लव और पुष्पों का था खौफ़ मंज़र, […]

13 अप्रैल 1919 बैसाखी की वह सुबह अरुण रवि,अरुणिम उषा फैला दिशि-दिशि रवि करजाल कुछ उलझा–सा यूँ उलझ गया गहन तम तमस आवृत्त हुआ विहान रक्त-रक्तिम यह कैसा बैसाख! आज़ादी का शंखनाद गुंजित  विप्लव वीरों के स्वर से हर्षित आत्म गौरव पुलक से पुलकित सराह रहा स्वभाग्य अपरिमित अनागत से […]

कण-कण में अरमान भरा है, गौरव और अभिमान भरा है, विश्वबन्धुत्व हित जिए हैं, सदा मातृभूमि हित जिएँगे, सदा मातृभूमि हित तपेंगे, बोलो, भारत माता की जय। बोलो, धरती माता की जय। विजयी विश्व तिरंगे की जय। बिगुल हाथ में लेकर बोलें, सारा विश्व हमारा भारत वर्ष हमारा। जलियां वाला […]

जिस दिन सारे हिंदू, सिख, पठान चले। चुनकर वतन परस्ती की राह चले।। दिलों में लेकर इंसाफ़ की आस चले। भारत के वीर जवान चले।। छोड़ अपने घर संसार चले।। उनके भी अपने सपने थे। उनके भी प्यारे अपने थे।। उनको भी कहाँ मालूम यह था, कि यह सफ़र आखिरी […]

भोपाल। प्रदेश के प्रसिद्ध लेखक एवं वक्ता डॉ. जवाहर कर्नावट द्वारा 27 देशों की 120 वर्षों की हिंदी पत्रकारिता पर किए गए शोध कार्य को लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स 2023 में शामिल किया गया है। वैश्विक स्तर पर हिंदी पत्र-पत्रिकाओं के इस अनूठे संकलन और सामग्री विश्लेषण के कार्य को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।