रिवाज़ सा हो गया है आजकल बात- बेबात पर नाराज रहने का। यह नाराजगी होती है , कभी अच्छी तो कभी देती है पीड़ा अधिक पर मैं इसे हमेशा सुखद ही मानता हूँ । चलता है इससे मन में रूठने और मनाने का द्वंद जो उपजाता है -अंततः करुणा परिणित […]

जब तक स्मार्ट फोन नही आए थे – रमेश और सुधा का दाम्पत्य जीवन हँसी – खुशी से बीत रहा था । शादी के इन पांच सालों में छूट पुट घरेलू अनबन को छोड़कर ऐसा कुछ नहीं घटा था जो उनके जीवन में बिखराव का कारण बनता । हर महीने […]

पाकर जो लोग मैल सी धन संपदा भर जाते हैं अहम से इतराते और बल खाते हैं छुद्र नदी सा रह भी जाते हैं फिर, सिमट कर खुद से खुद तक । आता है जब बुरा वक्त हो जाती है अक्सर धन संपदा भी बेमानी तब जो खड़े होते हैं […]

बचपन से सुनते आ रही थी राधा – भोगना ही पड़ता है सबको अपना कर्मफल। माँ से सुना , दादी से सुना , नानी से सुना और तो और पिता से भी अक्सर यही सुनती पर समझ कुछ न पाती। अभावों में गुजर – बसर करते हुए खेलने कूदने की […]

सहजता से चल रही रमा और राजन की गृहस्थी में बेखबर फासले दस्तक दे चुके थे । मन के किसी कोने में दोनों ही एक अलगाव सा महसूस कर रहे थे पर इसे व्यक्त करने से बचते थे । दस साल की भरी – पूरी खुशहाल जिंदगी में इन फासलों […]

आज बारहवीं बोर्ड का परिणाम घोषित होने वाला था । घड़ी का कांटा जैसे जैसे आगे बढ़ रहा था , रमेश का दिल भी उसी तेजी से धड़क रहा था । अनजानी आशंका से उसकी हिम्मत टूटती जा रही थी , पर परिणाम जो भी आए , उसका सामना तो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।