भारत महान था,वीरों की खान था, फिर भी भारत मुगलों का गुलाम था। एक राजा दूसरे को मिटाने पर तुला था, इसलिए मेरा देश मुगलों का गुलाम था। भारत सुदृढ़ था,समृद्ध था भरोसेदार था, इसीलिए अन्य धर्मों के पीड़ितों को पाला था। पर उन्होंने ही भारतमाता को लहूलुहान किया, आज […]

जिसे खून लगा मुंह सत्ता का,  उसे न भान है जनता का। देखी कायरता उन कुत्तों  की, जो घात लगाए बैठे थे। सोच `सिंह` का वध करने का,  अरमान दिल में जगा बैठे थे। चन्द सियासी जयचंदों ने,  वीर सपूत को झोंक दिया। झुलस उठी माँ भारती,  देख लहू उन […]

मातृभूमि से बढ़कर,कोई चंदन नहीं होता, नवकार से बढ़कर,कोई वंदन नहीं होता। सच्ची शिक्षा और प्रेरणा,अनूठी मिसाल है, त्याग तप और धर्म की,एक प्रतिमूरत है। यूं तो संत जमाने में,हजारों-लाखों होते हैं, पर उनमें भी कुछ आशाराम व राम-रहीम होते हैं। जिनके कर्मों से समाज,व धर्म कलंकित होता है, ऐसे […]

शत्रुता का नाश हो,प्रेम का आगाज़ हो, गर्व चकनाचूर हो, ममता निहाल हो। मिला आज मौका है, माफी के मुकाम का, चूकने न देंगें हम,माफी आज लेंगें हम। यह शुद्धता की भावना,है मंगल कामना, पर्व  ये  महान है, धर्म  का  वितान है। क्षमापना मनाएंगे, शत्रुता मिटाएंगे, दीप एक जल गया […]

बापू थारा देश मा,काइ-काइ रगड़ा होवे रे। कोई जीमे दूध राबड़ी,कोई भूखा भटके रे॥ लालू बोले अरे मोदीड़ा भैंस पटकनी दे दी रे। मोदी थारा राज मा घणा गीदारु बोले रे॥ जाके लागी नोट की ठोकर वाका जिवड़ा डोले रे। पांव तले अंगार जले ने,दूजा ने चोर बतावे रे॥ बिल्ली […]

मायूस हो कर अकेले में रोता हूँ, आती है राखी,तब किस्मत को कोसता हूँ। देखता हूँ हर कलाई में प्यार बहना का, अपनी सूनी कलाई को तसल्ली देता हूँ। दिल में तूफान-सा उठता है देख राखी को, निकलता हूँ सोचकर घर से अपने। जिसका कोई भाई नहीं,ऐसी भी बहन होगी, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।