विश्व मातृदिवस विशेष जन्म दिया तूने ये मुझ पर उपकार है, मां मेरी तू जग में सबसे महान है। तेरे आँचल की छांव में खेला, पाई जग में खुशियां मेने सारी। सदियों से धरा पर तेरा ही गुणगान है, तुझसा न दुनियां में और कोई नाम है। लक्ष्मी ,दुर्गा और […]

कैसे चूका पाउँगा माँ तेरे कर्ज को, मुझे प्राण देने के तेरे फ़र्ज को. सौ बार सोचा करूँ तेरे लिए कुछ अनोखा, पर दुनिया उसे सोचे  धोखा, कैसे दूर  कर पाउँगा माँ तेरे उस दर्द को , कैसे चूका पाउँगा माँ तेरे कर्ज को, तेरी उन लोरियों की पुचकार को, गीतों में […]

कभी jnu तो कभी amu, कभी कश्मीर तो कभी up अजब देश का हाल है केसी सियासी चाल है। कोई न समझ सके जिसे, तू ही वो नाम है। अब तो लगता तुभी शरीक है क्यो नही हुआ अभी कोई फ़क़ीर है। गर रही यही हालत तो , विपक्ष की […]

जज्बात ए इश्क़ बयां करूँ कैसे, उनसे झुकी नज़रे मिलाऊं कैसे, मन में प्यार का समंदर भर रहा है हिलोरें, किश्ती को पार लगाऊं कैसे. जल रही है इश्क की शमा चोरी चोरी, फैला रही है सुनहरी रोशनी थोड़ी थोड़ी, नूर ए शमा को छुपाऊं कैसे, जज्बाते इश्क़ बयां करूँ […]

करके जल्दी से तैयारी, शाला पढ़नें जायेंगे । चित्र बनें हैं जहाँ मनोहर, मन अपना बहलायेंगे ।। पुस्तक-काँपी लेकर झटपट, सीधे शाला जाना है । ध्यान लगाकर सच्चे मन से, सबक हमें तो पढ़ना है ।। कितना अच्छा मिलता भोजन, देखो तो शाला जाकर । खेल-कूद भी तरह-तरह के, देखो […]

वसन्त उत्सव ये आया है, खुशी के गीत गाओ तुम। खिली सरसों ने फैलाई, चुनर रंगीन धरती पे। अमुवा की भी डाली आज, बैरों से है लहराई। खिले पलाश है देखो, चमन भी है महकाया। कोयल और पपीहा भी, गाए मस्त तराने आज। प्रकृति ने भी ओढ़ी है, मखमली चादर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।