थोड़ा ख़मोशी ओढ़े किसी कोने में पड़ें पढ़ रहा अख़बार ढूँढ़ रहा है ख़बर! मिल जाए शायद उसे जो चाहिए चाशनी में डूबी हुई थोड़ा नमकीन सी भीनी खुशबूदार जिसे गटक कर खुश हो ले और काट ले अपने ये भयानक दिन जो नही मिलेंगे उसे ढूँढने से भी! शायद […]
नाना यो कई है एक गाव में एक बुडी दादी अपना ओटला बैठी थी साथेज उको छोरो भी उका साथे बैठो थो ,छोरा की उमर होगी याज कोई ३०-३५ साल की | बुडापा का कारण डोकरी कई भी उलटी सीधी बात करती रेती थी | इतरा में वा एक कागलो […]
काम वासना और अहंकार ने रावण को विवेकहीन बना डाला जिस नारी को जगत ने पूजा उसी का अपहरण कर डाला सारी विद्वता और सारा महाबल चलने से अधर्म मार्ग स्वाहा हो गए सोने की लंका का राजा रावण धर्ममार्गी श्रीराम से परास्त हो गए काम विकारों ने सदा मनुष्य […]
पति पत्नि के आपसी सम्बन्ध , बिगड़ते रहते सुधरते रहते | कभी तरेसठ का आंकड़ा , कभी छत्तीस का आंकड़ा हो जाते || इनके बीच में कभी मत बोलो , अपनी जीभ कभी मत खोलो | ये दिन में लड़ते झगड़ते रहते , रात में दोनों फिर एक हो जाते […]
ईश्वरीय सेवा को सदा समर्पित ब्रह्माकुमारीज संगठन महान जब भी देश पर आया संकट ब्रह्माकुमारीज ने किया योगदान आपदाओं के समय जनसेवा से ब्रह्माकुमारीज ने इतिहास रचा है कोरोना जैसी महामारी में भी संगठन देश के साथ खड़ा है आठ सौ बैड की आइसोलेशन सुविधा देश को प्रदान कराई कोरोना […]
को को को से क्या रोना। ना ना ना किसीसे है मिलना। अपने घरों में बस है रहना। फिर कोरोना से क्या है डरना।। रोग कुछ ऐसा है आया। कोई इसे समझ न पाया। दवा न इसकी बन पाया। डॉक्टरों ने दूरीका उपाय बताया।। अब सब को मिलकर के, इस […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।