जिस धरा पर गयासुर का विष्णु पद से हुआ संहार जिस धरा पर मां सीता ने ससुर का किया पिंड उद्धार जिस धरा पर श्रापित नदी तरस रही है पानी तक को जिस धरा पर देवालय में हिन्दू ही कर पाते है प्रवेश गया धरा है वह पवित्र भूमि गौतम […]
समय बहुत बलवान है इसे समझ लो खूब जो समय को न समझे करता है भारी भूल एक बार समय गया फिर हाथ न आएगा समय गंवाने के बाद जिंदगी भर पछतायेगा जो समय पर हावी होकर करते हमेशा सद्कर्म समय उन्ही का अच्छा होता निभाते अपना स्वधर्म। #श्रीगोपाल नारसन […]
जो अपने पूर्वजो के प्रति नित रखते सम्मान सुख सम्रद्धि बढती है मिलता उन्हें सम्मान जिनके कारण जीवन मिला ओर मिला कुल मान उनको कभी न भूलना करना उनका यशगान पूर्वज अपनी कुल पीढ़ी का हमेशा रखते है ध्यान कष्ट में वंशज को रहने न दे पल भर में करते […]
शांतचित एक गहना है हमे इसी रूप में रहना है व्यर्थ की बातों से दूर रहो ईश्वरीय याद में खोये रहो चिंता पास नही आयेगी चेहरे पर मुस्कान छायेगी स्वस्थ भी अनुकूल होगा मन मे ईश्वरीय जुनून होगा जीवन की खुशियां पास होगी हर आस विश्वास होगी सदपरिवर्तन इसी से […]
जब हम छोटे थे अबोध थे निर्मल कोमल निर्लोभ थे तन – मन से निर्विकार थे सत्य ही हमारे उदगार थे किन्तु जब से बोध हुआ माया मोह भरपूर हुआ क्रोध अग्नि में जलने लगे ईर्ष्या द्वेष सब करने लगे अबोध से बोधता के सफर में सुधरने के बजाय बिगड़ने […]
जब उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के पुत्र रोहित शेखर तिवारी की मौत का दुखद समाचार मिला,तभी मेरे पत्रकार मित्र आकाश नागर ने उनकी मौत को संदेह के दायरे में होने की आशंका जता दी थी।हालांकि उस समय मुझे भी यह आशंका थोड़ी अटपटी लगी […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।