तन वृन्दावन हो गया,मन पूरा ब्रजधाम। सांस-सांस राधा रटे,धड़कन-धड़कन श्याम॥ ब्रजरज की महिमा भला,समझ सका है कौन। राधा-राधा रट रहा,जिसका कण-कण मौन॥ जब-जब तेरे द्वार पर,आया मेरे श्याम। रसिक शिरोमणि कर दिया,तूने मन ब्रजधाम॥ राधा के आँसू लिए,रोता है अविराम। प्राणों के ब्रजधाम में,आ जाओ घनश्याम॥         […]

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सगर हृदय इच्छा जागी मैं चक्रवर्ती सम्राट बनूं, अश्वमेध यज्ञ मैं करवाकर,कुल और वंश जयवंत करूं। साठ हजार पुत्र मेरे,भला मुझको कौन हराएगा, अश्वमेध का घोड़ा मेरी,विजय ध्वजा फहराएगाll सिंहासन जब हिला इंद्र का सगर की पूजा मंत्रों से, ऋषि कुटी में बांधा अश्व को,इंद्र ने अपने तंत्रों से। देख […]

मेरे मौला मेरे मुल्क़ को कुछ ऐसा बना दीजिए। जाति-पाति-धरम का भेद मिटा दीजिए॥ मेरा वतन जग में सबसे निराला रहे। कुछ ऐसी क़रामात करके दिखा दीजिए॥ भारत कभी शिक्षा की राजधानी रही थी। विश्वगुरु हमको फिर से बना दीजिए॥ यहाँ लूटमार-कपट बदनेकियां न रहे। इंसानों के दिल में इंसानियत […]

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काश कोई मुझको अपना तो कहता, आँख का पानी फिर यूँ नहीं बहता। साथ चलने को उम्रभर किसने कहा, कुछ कदम गर साथ कोई चल देता। आँख का…॥ फूल मुबारक पास जिनके वो रखें, काँटों का भी हक़ ज़रा कोई देता। आँख का…॥ हस रहा हूं यूं तो हंसने के […]

खा रहे हैं पाप धन की जो मलाई, क्या करेंगे जिन्दगी में वो भलाई। चाटुकारी कान भरना काम इनका, इनने ही तो देश की जनता सताई। तुम भी खाओ-हम भी खाएं देश का धन, कौन दे ईमान की घर-घर सफाई। पश्चिमी सोचें अभी तक क्यों हैं जिन्दा, जिसकी खातिर जान […]

`अच्छा बच्चों! आज मैं मुहावरे सुनती हूं`l पांचवी कक्षा की शिक्षिका कविता ने बच्चों से कहा। `मैडम जी! दोहराई करने दीजिए।` सस्वर सभी छात्रों ने नम्र निवेदन किया। `ठीक है,दो मिनट देख लीजिए।` ‘शिक्षिका ने बड़प्पन दिखाया। इसके बाद शिक्षिका ने छात्रों की कॉपी बंद करवा दी और मुहावरे सुनने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।