भूख है,तंगी है और है लाचारी दिनभर करते कमतोड़ मजदूरी फिर भी कमबख्त जेब खाली दावे,योजना, भाषण अपनी जगह कई कई दिन नही लगती मजदूरी चुल्हा ठंडा है और कनस्तर खाली एक बार सिलेंडर देकर छपे पोस्टर गैस को पैसे है नही  समस्या भारी बैंक एकाउंट तो खुलवाये  दनादन किसी […]

जानिए स्वयं को स्वयं से मानिए स्वयं को स्वयं से आत्मस्वरूप को निहारिए मैं कौन हूँ , यह जानिए क्या स्वरूप है मेरा? इस देह से क्या नाता है मेरा? देह तो पंचतत्व है,मिटनी है आत्मा ज्योतिबिंदू है,टिकनी है पर आत्मा को तराशना होगा शांति,धैर्य, सेवा से तापना होगा आत्मा […]

धर्म ग्रन्थ कुछ भी पढो पढो मानवता का पाठ सबसे बड़ा एक ही धर्म मानव सेवा जन कल्याण राष्ट्रधर्म उससे भी बड़ा जरूरत पड़े तो दे बलिदान सभी धर्म एकता सिखाते भाईचारे का पाठ पढ़ाते और देते रूहानियत का ज्ञान जैन धर्म से अहिंसा सीखो हिन्दू धर्म से सहिष्णुता मुस्लिम […]

जिसने अच्छे कर्म किये मिला मान और सम्मान जीवन अपना ही सुधारता समाज मे पाता अधिमान बुरे कर्म को करने वाला खो देता है अपना मान लोग हेयता से देखते जगह जगह होता अपमान नजरो से अपनी ही गिरता जीवन को बदतर जान बुरे कर्म को छोड़कर करो सद्कर्मों का […]

सकारात्मक सदा सोचने से सकारात्मक होते परिणाम कष्ट कितना भी तन मन को हो सकारात्मक सोचे अविराम परमात्मा पर विश्वास रखकर कष्ट – मुक्ति का ध्यान कीजिए जिन ओषधियों की हो जरूरत वह भी नियमित जरूर लीजिए प्रालब्ध भोगना तो नियति है उससे बचकर भागना कैसा पर जब परमात्म भाव […]

दिवंगतों की मुक्ति का परमधाम है गया पूर्वजो के प्रति श्रद्धा का अनूठा स्थान है गया अतृप्त आत्माओ को तृप्ति दिलाती है गया भटकती आत्माओ को शांति दिलाती है गया पितरो के प्रति आस्था का विष्णु स्थान है गया नई पीढ़ी के लिए पूर्वजो के प्रति दायित्व बोध है गया। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।