सच्ची बात है कहता राणा,,, मेरा झूठा ये अंदाज नहीं,,, कि सादगी से ढका सौंदर्य,,, किसी फैशन का मोहताज नहीं,,, यौवन को परिभाषित करना,,, मुर्खों का व्यवहार है,,, वरना पांव से कोई कांटा भी निकाले,, तो वो अदा भी एक श्रृंगार है,,, सचिन राणा हीरो  हरिद्वार(उत्तराखंड)  Post Views: 384

चलेगी सांस जब तलक, वो मुझको याद आएगी,,, करे कोशिश वो कितना भी, ना मुझको भूल पाएगी,,, बिछङ कर आज तक उसकी, खबर कोई नहीं आई,,, मैं महफिल में भी तन्हा हुं, बजी बेशक है शहनाई,,, कभी मांगी दुआओं में, कभी सजदा किया मैंने,,, जो हासिल है नहीं मुझको, लबों […]

क्या बीत रही होगी उन मात पिताओ पर,,, जिनके बच्चे लेटे हुए हैं आज चिंताओं पर,,, माँ बाप ने सोचा था बच्चे पढ़ने जाएंगे,,, ना सोचा था कोचिंग में बच्चे जल मर जाएँगे,,, पुरे देश में गुस्सा है आँखे भर आती है,,, बच्चों को तड़पते देख कर साँसे रुक जाती […]

कितने सालों बाद दिखे हो,, चेहरा कितना बदल गया,, इलैक्शन में इश्क़ फिर से,, मेरा जवान हो गया,, वोट डालने आई थी वो,, जिसकी अदा निराली थी,, जिसके इश्क़ के किस्सों की, कुछ बातें बड़ी पुरानी थी,, उसी दिवानी की उंगली पर,, स्याही का निशाऩ हो गया,, इलैक्शन में इश्क़ […]

वो मेंहदी वाले हाथ तेरे,, वो दबे हुए जज्बात़ मेरे,, वो गोरे हाथो पर चुम्बन,, जैसे हवन कुण्ड के सात फेरे,, वो मेहंदी की सुर्ख लालीयां,, उसके कानो की बालीयां,, देखके ” राणा ” ने गाया है,, सब माया है,, सब माया है,, सचिन राणा हीरो Post Views: 226

मेरे जीवन का आधार हो तुम,, मेरी खुशीयों का संसार हो तुम,, बड़ी मुश्किल से तुमको पाया है,, मेरी लोरी का अल्फाज़ हो तुम,, मेरी आंखो के सितारे हो,, मेरे आंगन के राज दुलारे हो,, मेरे जीवन रूपी आसमान के, तुम ही तो ध्रुव तारे हो,, मेरे साजन की छाया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।