मन प्रफुल्लित अब होत बलिहारी गलियन गलियन कूँचे किलकारी नैनन से तुम अब करिहौ बातै श्याम शलौने गीत सुनाके मोरे मनवा में तुमने डाका डाला ऐसे गया अब वो हरसा के पकडे मोरे वो कलाई रसिया मन इतराय अब रह रह के जानौ अब ना कौनो बतिया वो गये है […]

ज़िंदगी को भी तो हमसे यूं गिला हो जैसे दर्द उसको भी मुहब्बत में मिला हो जैसे।। देख ले मेरा भी कोई मुक़द्दर यहाँ पे यार के प्यार की अब कोई दुआ हो जैसे।। मर गया वो पतंगा भी तो इश्क़ में ही अब मुहब्बत से ही होती हैं नफ़ा […]

आवे जावे मन बहलावे। जो जो पूछो बात बतावे। दूरन से वो लागे अपना। ऐ सखि साजन?ना सखि सपना। छैल  छबीला  वो हो जावे। मदमस्त चाल से वो रिझावे। साथ कभी उसने नहिं छोड़ा। ऐ सखि साजन?ना सखि घोडा। बिन उसके कुछ भी न होवे। दिन रात  की निदियां खोवे। […]

मोह मोह के बंधन है,इसे दर्पण नही कहते दिल में जो अपनापन है,उसे अनबन नही कहते तुम जो आज रूठे रूठे से लगते हो अब हमसे ये तो प्यार है दिल का इसे अनबन नही कहते बादल घने है अब ये आसमानो में लेकिन समय से अगर ना बरसे उसे […]

आसान नही  किसी से दिल का लगाना खंजर छुपाये बैठा हो अब कोई दीवाना आसान नही अपने दिल के हाल बताना धोखा दे जाते हैं लोग निभा के दोस्ताना आसान नही किसी रोते  हुये को हंसाना बहुत मुश्किल है अब हँस कर समझाना आसान  नही  है  तेरी यादो को मिटाना कुर्बान […]

मन का झरना बहता जाये इस कोने से उस कोने झरना देखो आँखों का भी बोझ हुआ गर कुछ दिल में बह जाता यह पल पल झरना एक जुबां का हैं मुह से निकले उबड़ खाबड़ निर्मल शीतल झरना देखो मौसम में भी हर मौसम में बहता जाये उल्टा सीधा,सीधा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।