समय बहुत बलवान है यथार्थ स्वीकार लीजिए रंक से यह राजा बना दे राजा को यह रंक बना दे शक्ति इसकी पहचान लीजिए समय को गर पहचान लिया समय से चलना जान लिया समय उसी की मुठ्ठी में रहा समय का विजेता वही रहा उसी को सफल जान लीजिए एक […]
भारतीय भाषा मंच, वैश्विक हिंदी सम्मेलन एवं नागरी लिपि परिषद की ओर से राष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन भारतीय भाषा मंच, वैश्विक हिंदी सम्मेलन एवं नागरी लिपि परिषद की ओर से 26/06/2020 को राष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन गूगल मीट पर किया गया। इसका विषय था- मेरी लिपि मेरी शान, क्यों करूं […]
डॉ जैन को पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित इंदौर। हिंदी प्रचार के लिए प्रतिबद्ध मातृभाषा उन्नयन संस्थान की वार्षिक साधारण सभा रविवार को दोपहर चार बजे डिजिटल रूप से आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ ने की। शारदे वंदना से आरंभ साधारण सभा का […]
हिंदी कवि सम्मेलन मंचों पर गीतों की मिठास है नरेंद्रपाल जैन इंदौर। राजस्थान की धरती ने साहित्य और देश को न केवल शौर्य और बलिदान सौंपा है बल्कि ऐसे हीरे भी दिए है जिनका कार्य, लेखन और सक्रिय कर्मठता आज काबिल ए तारीफ़ हैं। हिंदी कवि सम्मेलनों के मंच जिसकी […]
दिल से दिल मिलाकर देखो। जिंदगी की हकीकत को पहचानो। अपना तुपना करना भूल जाओगे। और आखिर एक ही पेड़ की छाया के नीचे आओगे। और अपने आप को तुम तब अपने आप को पहचान पाओगे।। क्योकि छोड़कर नसवार शरीर, एक दिन सब को जान है। जो भी कमाया धामाया […]
अगर नर और नारी ना होते, विश्व में इतनी आबादी ना होती। बेचारी किसी भी सरकार को , इतनी समस्याएं भी ना होती।। अगर आबादी इतनी ना होती, बेरोजगारी की समस्या ना होती। सरकार कितनी भी कोशिश करें पर कभी समस्या हल ना होती।। अगर आदमी बूढ़ा ना होता, वह […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।