बड़ा बनना है तो संस्कारो से बनिए बड़ा बनना है तो विचारों से बनिए बड़ा बनने के लिए बड़ी सोच जरूरी है आराम का सुख छोड़ संघर्ष करना जरूरी है बड़ा वही है जगत में जो झुकना जानता है बड़ा वही है जो दुसरो की नजर में चढ़ना जानता है […]

जिनको देवी मानते हम नवरात्र में उनको पूजते हम उन्ही देवियो पर संकट छाया योगी जी यह कैसी माया आपने भी तो देवियां पूजी थी नन्ही बच्चियों में देवी देखी थी फिर टिंवकल क्यों मारी गई नरपिशाचों द्वारा नोंची गई एक पखवाड़े में 27 की आबरू भेडियो द्वारा उतारी गई […]

आवश्यकता है आज हमें युवाओं को सन्मार्ग दिखाने की जो राह भटककर पतित  हुए उन्हें फिर से पवित्र बनाने की उनकी अबोधता को समझकर हमे उन्हें बोधता में बदलना होगा देश के भविष्य , नई पीढ़ी को हमे कसौटियों से कसना होगा बुजुर्गों का अनुभव, युवाओं की शक्ति रचनात्मक क्रांति […]

झूठ,फरेब,स्वार्थ,मक्कारी की राजनीति स्वयं शिकार हो गई लोकतंत्र के बिगड़े स्वरूप में मशीन जीत का आधार हो गई चुनाव से पहले सीमा पर भी अमन, चैन गायब हो गया देश पर आए मौसमी संकट पर देश मे हर कोई चौकीदार हो गया भला हो इस चुनावी महायज्ञ का सारे संकट […]

युवाओ स्वयं को बदल लो करलो खुद का चरित्र निर्माण युवाओं के कंधे पर ही टिका है भविष्य भारत का महान गुरुकुल जैसी शिक्षा अपनाओ गुरुकुल जैसे बने संस्कार गुरु के प्रति अकाट्य निष्ठा रहे माता पिता का करो सत्कार जीवन मे अनवरत तरक्की होगी समाज -देश करेंगे गुणगान। #श्रीगोपाल […]

हद सरल स्वभाव था हर किसी से लगाव था चेहरे पर मुस्कान रही सहजता से बात कही क्रोध उनमे था नही अहंकार कभी पास नही मनभेद कभी किया नही नफरतों में जिया नही विधायी ज्ञान के ज्ञाता थे मेरे लिये बड़े भ्राता थे निशाना उनका अचूक था राजनीति एक शोंक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।