हे धरती के देव दिगंबर,  तुम्हे  नमन मेरा। तेरे पद चिन्हों पर गुरुवर,  रहे गमन मेरा। भारत की चैतन्य धरोहर,  जिन्मुद्रा धारी। महावीर की महाविरासत,  प्राणों से प्यारी। जिनशासन जयवंत रहेगा,  चरित लाख तेरा।। तेरे पद चिन्हों पर गुरुवर,  रहे गमन मेरा। हे धरती के देव दिगंबर,  तुम्हे नमन मेरा। […]

हर बात से ही बात की शुरूबात होती है। मिलने मिलाने से ही तो, आगे की मुलाकाते होती है। कौन ऐसा है जो बातचीत,  के बिना जीत सकता है। और इस मायावी समाज मे रह सकता है? हल्की सी मुस्कान से ही, इंसान आकर्षित हो जाता है। फिर धीरे से […]

दिल में होना चाहिए राष्ट्र का हित, न की जातियों में ब्राम्हण-दलित।। माथे पे लिखा नहीं धर्म किसी का, ईश्वर-अल्ला पर विवाद नहीं उचित।। राजनिति को घर से बाहर ही रहने दो, रहे प्रेम आपस में सुन लो मेरे मीत।। मिलकर करें काम हम सब ऐसा की, बढ़ते चले आगे […]

फूल कितना सुंदर है। पर तुमसे सुंदर नही। फूल देख मुस्करा देते है। बिना फूल के तुम्हारी, मुस्कान का जबाव नही।। देख कर गुलदस्ता लोग, अपने इरादे बदल लेते है। पर तुम जो हो इंसान की, पहचाना उसके शब्दो से करती हो। तभी तो सदा हँसती रहती हो। और सामने […]

देवभूमि में जाम से जनता हुई त्रस्त पर्यटक भी वाहनों में फंसे हुए बहुत बेबस पैट्रोल तक खत्म हुआ नही चल पाये पम्प यात्रा का मजा किरकिरा मच रहा हड़कम्प देवभूमि के लोग भी भुगत रहे है दंड जीना उनका मुहाल हुआ आवागमन बेढंग व्यवस्था सुधार में सरकार हुई , […]

किस किसको बतलाये हाल ये दिल का। कहते हुए भी शर्माए हाल ये दिल का। जिससे हमें हुआ है प्यार, कैसे बतलाये उनको। कही सुनकर वो मेरी बात रूठ न जाये ।। वैसे भी इस दिल मे गमो का भंडार पड़ा है। इसमें से कुछ को कम किया जाए इजहार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।