••••प्यारी माँ, खत में क्या लिखूँ ? कैसे लिखूँ कब लिखूँ ! किसके लिए लिखूँ सोंचती रही बहुत देर तक जिन्दगी तेरे लिए, या दोस्तों के लिए या देश या समाज के नाम, या अपने आदरणीय गुरूजनों के लिए, और भी बहुत कुछ याद आया बहुत सोचा, पर कुछ समझ […]
आज के माहौल पर,आँखें हैं अपनी नम। बढ़ता रहा समाज,और सिमटते रहे हैं हम॥ छाया हमें मिलेगी कहाँ,ये सोचते हैं हम। जंगल में हरे पेड़ जो,कटना हुए न कम॥ बेटी को भी पढ़ाना है,बेटों की ही तरह। ऐसा आपने किया तो,होगा बड़ा करम॥ आपस में मिलकर स्नेह से, प्यार से […]
एक तराना सुनाएं नवगीत का, नया जहां बसाएं हम प़ीत का। बहुत सो लिए उठो भी दोस्तों, अब कदम बढ़ाएं हम जीत का। मिटाकर हर नफरत चमन से, स्वागत करें हम नई रीत का। जो देश और धर्म की करें सेवा, चेहरा पहचानें हम सच्चे मीत का। मिटाएं धरा से […]
हमारे आस-पास सब कुछ प्रकृति है,जो बहुत खूबसूरत पर्यावरण से घिरी हुई है। हम हर पल इसे देख सकते हैं और इसका आनंद उठा सकते हैं। हम हर जगह इसमें प्राकृतिक बदलावों को देखते,सुनते और महसूस करते हैं। हमें इसका पूरा फायदा उठाते हुए शुद्ध हवा के लिए रोज सुबह […]
आज तक याद है, वो मीठा स्पर्श तेरा.. नव-यौवना संकुचित-सी, दुल्हन बन आई नया घर,नए लोग, नया परिचय तुम्हारा।। अब तक मां-बाबा,भाई-बहन से ही पाया स्नेहिल स्पर्श, ये नया-सा अहसास तेरी छुअन का, हाथों में हाथ लेकर मानो कह रहे हों.. आओ संगिनी स्वागत है, मेरे हृदय-कुंज में, जी लें […]
जो मेरा था किसी का हो गया है, मेरा यह वहम सच्चा हो गया है। उछल कर आसमां छूने की ज़िद में, वो अपने क़द से ऊंचा हो गया है। बहारें लेके यूं आया है सावन मिरे, आंगन में रस्ता हो गया है। अज़ानों की सदाएं कह रहीं हैं, अब […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।