“कभी-कभी बहुत छोटी सी बात ग्रंथि बन जाती है जो बाद में किसी न किसी बीमारी के रूप में बाहर आती है इसलिए मन की बात कह देना बहुत जरूरी है ।आज मौका है आपके लिए अगर आप किसी को सॉरी बोलना चहाते हैं तो घबराएं नहीं, कहकर खुद को […]

एक वो जमाना था जिसमें आदर सत्कार था। एक ये जमाना है जिसमें कुछ नहीं बचा। दोनों जमाने में यारो अन्तर बहुत है। इसलिए तो घरों में अब संस्कार नहीं बचे।। मांबाप छ: बच्चों का पालन पोशण कर देते थे। और छ: बच्चे मिलकर मांबाप को नहीं रख पाते। उन्हें […]

आयोजनों और प्रतियोगिताओं से जुड़े साहित्यकार और पाठक, प्रचारित हुई हिन्दी इंदौर। मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा कोरोनाकाल में पूरे सितम्बर माह में हिन्दी महोत्सव 2020 का आयोजन किया गया। प्रतिदिन देश के अलग-अलग शहरों में निर्धारित शारीरिक दूरी एवं कोरोना गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए कार्यक्रम आयोजित किए गए। […]

जो उम्र के आखिरी पड़ाव में है दुनिया से रुख़्सती की नाँव में है उनपर ध्यान देना बहुत जरुरी है उन्हें प्यार- सम्मान देना जरुरी है उन्ही की वजह से है आज हम उनमे क्षीणता है, पर हममे है दम उनका अनुभव हमारे काम का है हमारा काम उन्हें संभालने […]

हिंदी पखवाड़े में एक प्रश्न बार-बार उठता है कि क्या हिंदी कोई मौलिक भाषा है? कितनी प्राचीन या कितनी नूतन है? चूँकि इससे अधिक प्राचीन भाषाएं हैं, तो उनकी तुलनामें हिंदीकी महत्ता कम हो जाती है, इत्यादि। साथ ही यह प्रश्न उठता है कि मैथिलीको हिंदीसे अलग करके एक प्रमुख […]

महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री ऐसे दो महामानव जो भारत के भाग्य विधाता रहे, जिनकी विचार धारा एक दुसरे की पूरक रही। जो देश के लिए जिए और देश के हित में ही काल के ग्रास बने । देश और समाज के प्रति दोनों की समर्पण भावना में किंचित […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।