मातृभाषा ने मनाया हिन्दी महोत्सव 2020, आज हुआ समापन

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आयोजनों और प्रतियोगिताओं से जुड़े साहित्यकार और पाठक, प्रचारित हुई हिन्दी

इंदौर।

मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा कोरोनाकाल में पूरे सितम्बर माह में हिन्दी महोत्सव 2020 का आयोजन किया गया। प्रतिदिन देश के अलग-अलग शहरों में निर्धारित शारीरिक दूरी एवं कोरोना गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए कार्यक्रम आयोजित किए गए। संस्थान की दिल्ली एवं इंदौर इकाई द्वारा आयोजित हिन्दी माँ के पूजन से हिन्दी महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इसके बाद छपरा, सिवनी, उज्जैन, रायपुर, बिलासपुर, दिल्ली, ग्वालियर, तिरोड़ी, आगरा, मथुरा, वृन्दावन सहित कई शहरों में हिन्दी पूजन, प्रतिभा सम्मान, विद्या रत्न सम्मान व संगीत, काव्य गोष्ठी, कवि सम्मेलन, पुस्तक विमोचन इत्यादि कई आयोजन हुए। इसी के साथ मातृभाषा.कॉम द्वारा पूरे माह डिजिटल प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गईं जिसमें सैकड़ों साहित्यकारों ने हिस्सा लिया।
दिल्ली में निबंध, चित्रकला प्रतियोगिता और नाटक का मंचन आयोजित हुआ। ‘स्त्रीत्व’, ‘धेनु ही धर्म’ और ‘कोरोना काल एवं साहित्यग्राम’ पुस्तक का विमोचन हुआ। इसी दौरान संस्थान द्वारा सैकड़ों प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। पितृ पक्ष में हिन्दी के दिवंगत साहित्यकारों का श्राद्ध भी संस्थान द्वारा किया गया।
संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘हिन्दी भाषा का प्रचार हमारा प्रथम लक्ष्य है, उसी को केंद्रित कर हिन्दी महोत्सव 2020 का आयोजन किया गया। इसमें देश के प्रत्येक राज्यों से साहित्यकारों ने सहभागिता करके इस उत्सव को महोत्सव बनाया है।’
महोत्सव का संयोजन संस्थान की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुश्री भावना शर्मा एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ.नीना जोशी ने किया।
ज्ञात हो कि मातृभाषा उन्नयन संस्थान हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। इसी तारतम्य में हिन्दी भाषा का प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।
संस्थान के राष्ट्रीय सचिव गणतंत्र ओजस्वी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कवि मुकेश मोलवा, नितेश गुप्ता, सपन जैन ‘काकड़ीवाला’ आदि ने उत्साहपूर्वक सहभागिता करके महोत्सव मनाया। सितम्बर माह के अंतिम दिन हिन्दी महोत्सव का समापन हुआ।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।