कर्म सभी से बड़ा है इसी से होता निर्माण सदकर्म करते है जो होता उनका यशगान निर्माण के ही देव है विश्वकर्मा भगवान सृष्टि रचने में रहता उनका कर्म प्रधान कर्मयोग अपनाते जो उनकी मंजिल आसान मेहनत का फल मीठा परमात्मा देते वरदान। #श्रीगोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ मई […]

जिनकी वजह से हम है उन्हें जितना याद करो कम है हमे पालपोस कर छोड़ गए सदा खुश रहने की दुआ दे गए जो कुछ था वह हमें दे गए खाली हाथ आए थे खाली हाथ चले गए कही पिता तो कही दादा मेरे अतीत का आईना है मां ,दादी,नानी […]

जीते जी सम्मान करो अपने बड़ो से प्यार करो जो पसन्द हो वही खिलाओ जीवन उनका सुगम बनाओ एकाकी उन्हें न रहने दो खुशियों के हर पल जीने दो दुआएं निकलेगी उनके मुख से भाग्य चमकेगा तुम्हारा कसम से बच्चों की तरह बड़ो को संभालो अपने बचपन का कर्ज उतारो […]

मुख्यमंत्री रहे कई नेताओं ने आवास किराया चुकाया नही किराया अदा करने के न्यायालय फरमान को माना नही सरकार ने अपनी ताकत से उनके करोड़ो रूपये माफ कर दिये न्यायालय के आदेशो को भी पल भर में दरकिनार कर दिये इतनी रहमदिली अगर सरकार ने गरीबो के प्रति दिखाई होती […]

जय – जय हो चंद्रयान उम्मीद से भरी उड़ान । ईसरो का जग में हुआ ऐतिहासिक ऐसा सम्मान ।। दिखलाया के. सिवान ने भारत को नया विहान ।् अंतरिक्ष विद्या में हुआ भारत का द्वितीय स्थान ।। आओं प्रिय वैज्ञानिक मैं तुमको अपने लगे लगाऊं । चहुँ दिशा फैला रहे […]

यूँ तो हिंदी को सिर्फ भारत की भाषा नही कह सकते।हिंदी भाषा मे अ, आ,इ, ई,ओ,उ,में जो स्वर गूंजते है वही स्वर नवजात शिशु के रुदन से प्रकट होते है।चूंकि दुनिया के सभी शिशुओं के रुदन ध्वनि एक ही प्रकार की है।इसलिए कह सकते है कि हिंदी हर मानव प्राणी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।