ये जग अजीब जहाँ पर होती सबकी अलग जिन्दगी तथापि समाहित रिश्ते-नातों का जाल खट्टी मीठी यादें आगे बढ़ाती कहानी को हरेक सिरे में।                                                     […]

राष्ट्रभक्ति निज शक्ति मन में पसार करें, कोटि-कोटि जन का उद्धार होना चाहिए। राम नहीं दिखें अब रावण हैं चहुँ ओर, दुष्ट जन का अब संहार होना चाहिए। प्राण प्रण से जुटे जो देश सेवा राह पर, उन्हें सत्कार औ उपहार होना चाहिए। शर्मसार मानव है,बेलगाम दानव है, दानवी चलन […]

दिल से दिल की बात करेंगे। बातें   सारी  रात  करेंगे॥ शतरंजी ये  चाल  तुम्हारी, चुटकी भर औकात करेंगे। बतलाओ मत जात तुम्हारी, सुन लो फिर आघात करेंगे। नज़रों में तुम खटक गए तो, समझो तुम वो घात करेंगे। आँसू  छलके  राज  खुलेंगे, सावन-सी  बरसात   करेंगे। नेता  उनको  चुनवा  दें  तो, […]

भारत का इतिहास लिखा है,रक्तपात चिंगारी से। जयचंदों के छल प्रपंच,और भारत की लाचारी से॥ युद्ध भले हल्दीघाटी का,कुरुक्षेत्र का संग्राम हो। गैरों ने हो लहू बहाया,छल अपनों का अविराम हो॥ शाह बहादुर ज़फ़र सरीखे,भारत माँ के लाल हुए। मातृभूमि खातिर बर्मा में,वे जाकर निज प्राण दिए॥ पृथ्वीराज चौहान से […]

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सूरज है आग का गोला, जलता है ,बनकर शोला। किरणों में है,पराबैंगनी, सबके लिए,घातक बनी॥ धन्यभाग,हम मानव का, जो कवच है इस धरा का। ओज़ोन परत वो कहलाए, घातक किरणें आ न पाए॥ आज छेद होने का है डर, भोग विलास का है असर। एसी,फ्रिज,उर्वरक से रिसे, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन गैसें॥ […]

जाग रे मनुवा जाग रे, खोल दे नैनन पट को। अंतर्मन में बसे प्रति क्षण, काहे ढूंडे घट-घट को॥ मान रे मनुवा जान रे, छोड़ तू धर्म झंझट को। इंसानियत जगा ले तू ,कुछ न जाए मरघट को॥ चल बढ़ा कदम अपना,प्रकाश की तलाश कर। स्वविवेक से दीप जला,अज्ञानता का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।