बोल गए हो कैसी भाषा, जैसे निपट अनाड़ी जी। कौन देश भारत से अच्छा, जरा कहो अंसारी जी। हिन्दू-मुसलमान,सिक्ख-ईसाई, भाई-भाई नारा है। एक-दूजे के धर्म-कर्म में, रहता नेह हमारा है। विश्व को भी परिवार समझते, मारो नहीं कुल्हाड़ी जी। कौन देश भारत से अच्छा, जरा कहो अंसारी से। रोजा रखते […]

राखी पर्व महान है,बहन लुटाती प्यार। वह धागे से बांधती, रक्षा सूत्र अपार॥ रक्षा सूत्र अपार, सजाकर सुन्दर थाली। होते भाई प्रसन्न,लगे न जेब हो खाली॥ कह बिनोद कविराय, दिखे बत्तीसी झाँखी। खुले हृदय के द्वार, बहन जो बाँधे राखी॥                     […]

आते-जाते तो नित्य रहे, सबने जाना स्कूल गए। हाजरी बनी पर मन न बना, बच्चों को सिखाना भूल गए। अपनी गरिमा न जान सके, खुद कैसे राष्ट्र निर्माता हैं। आजीवन हो जो आभारी, उनके ही भाग्य विधाता हैं। औरों की निष्ठा देख रहे, खुद भी उनके अनुकूल गए। हाजरी बनी […]

(अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशेष) योग नित्य कीजिए, रोग मुक्त कीजिए। आप तो निरोग हों, जिंदगी सुभोग हो।          कीमती शरीर है,          आदतें अधीर है।          लोभ में न आइए,          देह को बचाइए। आप आलसी न हों, […]

आप हमारे पालक पापा, नेह करे हैं बालक पापा। दें अपना आशीष हमेशा, कौन भला होवे तब जैसा। आज मुझे है संकट भारी, साथ सदा दें आप हमारी। देख रहा हूँ आहट पापा, आप रहे हैं चाहत पापा।                         […]

(मातृ दिवस विशेष) माँ है सबसे धन बड़ी, जाने चतुर सुजान। माँ के आशीर्वाद से, मानव बने महान। मानव बने महान, करे जो दिल से पूजा। धरती पर भगवान, नहीं कोई है दूजा। कह बिनोद कविराय, चरणों में तो जहाँ है। बदनसीब वे लोग, जिनके कष्ट में माँ है।   […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।