अठ्ठारह नवंबर से तीन दिन के लिए मेरठ के एक निजी विश्वविद्यालय में आयोजित क्रांतिधरा मेरठ साहित्यिक महाकुंभ में यूं तो देश विदेश के हिंदी एवं विभिन्न भाषाओं के साहित्यकारों ने भाग लिया।लेकिन चाहे पुस्तक प्रदर्शनी का उदघाटन हो या फिर साहित्यिक महाकुंभ का उदघाटन सरस्वती पुत्रो को पीछे धकेलकर […]

सींचा जिसने नौनिहालों को अपने मेहनत के पसीने से । जिसे देख बच्चों का मन झूम उठता हैं सीखनें की खुशी से ।। बिन संसाधनों के कर दिए नायाब नवाचार हौसलों से । सुभाष यादव जैसा जज्बा जगाएं हम सच्चे जतन से ।। प्रायः शासकीय सेवारत शिक्षक साथियों के विचारों […]

क्रांतिधरा मेरठ में बह रही कलमकारों की अदभुत गंगा भारत नेपाल साहित्य मित्रता का साक्षी बन रहा है भारतीय तिरंगा भाषाओं के परस्पर अनुवाद से हिंदी नेपाली में निकटता होगी हिंदी दुनिया मे पैर पसारेगी भारत की दुनियाभर में जय होगी साहित्य कुंभ के विजय पंडित ने सचमुच करिश्मा कर […]

ईश्वरीय मत पर जो चले अच्छा पथ ही उसे मिले व्यर्थ के चिंतन से बचे रहे सदैव स्वस्थ व सुखी रहे जो हो रहा है अच्छा माने ईश्वर का ही कृत्य माने फिर चिंता काहे की करना बिना वजह काहे को डरना ईश्वरीय याद कभी न खोना सदा खुशी से […]

श्रेष्ठ आत्म स्मृति में रहना हमें बनाता सदा महान प्रभु स्मृति में योग लगाना प्रत्यक्ष कराता हमे भगवान हम साधारण नही विशेष है परमात्म शिव के गणेश है विस्मृत न हो शिव कभी तभी विश्व विजयी नरेश है स्वर्ग से सुख के हम अधिकारी दुःख में न रहे कोई हिस्सेदारी […]

चाचा नेहरू अब आ भी आओ हमको अच्छे खिलौने दिलाओ समय अब बहुत बदल गया है बच्चों का भी खेल बदल गया है गिल्ली डंडा ,कबड्डी नही रहे अब कुश्ती,खो खो इतिहास हो गए अब सब पर क्रिकेट का जुनून सवार है मोबाईल खेल का बड़ा हथियार है सांप सीडी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।