.              ख्वाहिशें हम से न पूछो, ख्वाहिशों   का  जोर है। सीना  ताने  जो  अड़े है, वही  बहुत  कमजोर हैं। आज जो बनते  फिरे है, वे  शाह  पक्के चोर  हैं। ख्वाहिशें हमसे न  पूछो, ख्वाहिशों का जोर है ख्वाहिशें सैनिक से पूछो, जो  अब  बड़ा  बेजार है। जूझ  सीमा  पर   रहा […]

है शिक्षा बच्चे का अधिकार पढ़़ना बच्चों समझ विचार जीवन सुधरता विद्यालय चलते सबको पढ़ाते कमर कसो पाठ पढ़ो बदलो देश ये। 0 ये मनु जनम बार बार नहीं मिलता मानव जीवन पढ़ाई से सार्थक विद्या  परम धन जीवन सँवारे अनपढ़ता कलंक है पढ़िए बच्चों यूँ।   *सब पढ़ें, सब […]

*1* हिन्दी भाषा  देश  री ,भाषा मातु   कहाय। सुन्दर भाषा सुघड़ लिपि,देव नागरी पाय।। *2* आदि संस्कृत मात है,निज भाषा की जान। अंग्रेजी  सौतन  बणी , अंतरमन  पहचान।। *3* हिन्दी री  बेटी  घणी, प्रादेशिक  अरमान। बेटी री  बेटी  बहुत, जान सके  तो जान।। *4* हिन्दी री बिन्दी घणी, बात अमोलक  […]

है यह लेते देते है यौतक दानव है कौतुक है दानवता है मरता भी है मारता भी है कोई जीता है कोई हारता है कोई जीतता है लेने से डरता है देते भी डरता है जाते अखरता है आते निखरता है कोई उजड़ता है कोई सँवरता है रोज बढ़ता है […]

1. मनु सतरूपा सृष्टि के,आदि पुरुषअरु नार। आदम हव्वा भी कहे, मनु  जीवन आधार।। 2.. पुरुष नार  दोनो हुवै ,गाड़ी के  दुइ चाक। कौन बड़ा  छोटा कहें, सोचें  रहें अवाक।। 3.. नारी की महिमा अमित,कहते विविध प्रकार। पुरुष वर्ग की  बात भी, करलें  हम दो चार।। 4.. बीज मंत्र है […]

.                      ~~~ 1… घूंधट  पर्दा  री  प्रथा, समय  काल अनुसार। देश अजादी मिल चुकी,अब बदलाव बयार।। 2…..‍ परदेशी  निजराँ  बचै, बिटिया बहू  हमारि। लाज शर्म बड़काँन की,घूँघट माहि सँभारि।। 3…..‍♀ जे पढ़लिख जावै नारियाँ,प्रगतिअवसर पाय। राजनीति अरु नौकरी, बणिज देखती जाय।। 4…..‍ अब तो घूँघट छोड़कर,करो  विकासी बात। लाज शर्म […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।