कोई नही चाहता, मेरा बुरा हो फिर दूसरे का बुरा सोचते क्यो है? कोई नही चाहता ,हार मिले फिर दूसरे को आप हराते क्यो है? कोई नही चाहता निरादर अपना फिर दूसरे का अपमान करते क्यो है? जो चाहते हो आप अपने लिए वही दूसरो को बांटना सीखो खुद शांति,प्रेम,सदभाव […]

सदा अच्छा ही सोचना सदा अच्छा ही बोलना सदा अच्छा ही देखना सदा अच्छा ही करना बनाते है हमको अच्छा जवान,बूढा या फिर बच्चा मन का जो है सच्चा वही तो है सबसे अच्छा गलत कुछ भी करो नही दिल किसी का दुखाओ नही परमात्म याद में रहो सदा अहंकार […]

कुछ ऐसा करो जो जमाना याद करें अच्छाई के लिए सब जिंदाबाद करे दिल दुखे न किसी का स्वपन में भी कभी ऐसे कर्म करो जो सब शाबाश करे व्यवहार ऐसा हो मुरीद हो जाये सब उदाहरण आपका दे दुआ बार बार करे मन की सुंदरता आ जाती है चेहरे […]

जज्बा रखो देशप्रेम का आओ सदा देश के काम देश है हमारा सबसे पहले देश की मिट्टी हमारी शान देश के लिए जो चले गए देश का नाम जो बढ़ा गए आओ करे उनको प्रणाम उनका करे हम गुणगान गद्दारो की सुनवाई न हो उनकी रहनुमाई न हो सुरक्षित रहे […]

दुनिया मे सब अच्छे बने यह उपदेश जरूर दीजिए यह उपदेश देने से पहले खुद को अच्छा जरूर कीजिए बदल जाएंगे हालात जरूर पहले आप खुद तो बदल लीजिए बेटियां एक सी है चाहे मेरी या तुम्हारी जहां भी मिले उन्हें सम्मान दीजिए बेटे की चाहत में जुल्म न हो […]

जीवन को सरल बना लो अपने पराये भी जो लगने लगे अपने अहम को त्याग झुककर देखो फलदार वृक्ष को देखकर सीखो मधुरता व्यवहार में लाकर देखो गैरो को गले लगाकर देखो जीवन मे पुष्प सी खुशबू फैलाओ अपने सद्कर्मो की ज्योति जलाओ महकने लगेगा देश और समाज सफल हो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।