वो गया दफ़अतन कई बार मुझे छोड़के पर लौट कर फिर मुझ में ही आता रहा कुछ तो मजबूरियाँ थी उसकी अपनी भी पर चोरी-छिपे ही मोहब्बत निभाता रहा कई सावन से तो वो भी बेइंतान प्यासा है आँखों के इशारों से ही प्यास बुझाता रहा पुराने खतों के कुछ […]
किसी की भी निगाह में मैं अब खुदा नहीं रहा अब तो मुझे भी गुनाह की इजाज़त मिलनी चाहिए उम्र की दहलीज पर वो अब भी एक बच्ची है उसकी हरकतों को कुछ नई सी शरारत मिलनी चाहिए आवाम कब तक यूँ ही कठपुतली सी तमाशा देखेगी सिम्त जज़्बातों को […]
वो जितनी देर रहा, मेरे साथ रहा मैं कारी बदली , वो बरसात रहा मुझे बस उस तक ही पहुँचना है मैं उसका अंत , वो शुरुआत रहा ऐसे कैसे छूट जाएगी ये दिलदारी मैं उसका सहर,वो मेरी रात रहा ये जिस्म से काफी दूर का सफर है दो रूहों […]
मैं धर्म की दलील देकर इन्सान को झुठला नहीं सकता मुझको तमीज है मजहब की भी और इंसानियत की भी ज़मीर भी गर बिकता है तो अब बेच आना प्रजातंत्र का मुझको समझ है सरकार की भी और व्यापार की भी जो मेरा है मुझे वही चाहिए ना कि तुम्हारी […]
तुम्हें बस ख़बर ही नहीं है वर्ना गुनाह यहाँ रोज़ होता है इस हुश्न की चारागरी में तो इश्क़ तबाह यहाँ रोज़ होता है ज़ख़्म सहने की आदत है सो दुआ फ़ना यहाँ रोज़ होता है भीड़ में होके भी आज इंसाँ बेवक़्त तन्हा यहाँ रोज़ होता है ज़िन्दगियाँ यूँ […]
नभचर से नभ छीन चुके हैं खेत-खलिहान छीन चुके हैं घोंसले बनाने को दीवारें तो खाना-पीना भी छीन चुके हैं कृत्रिम प्रकृति की रचना में हम इनका चहचहाना छीन चुके हैं जहाँ-तहाँ हैं ये व्याकुल पंछी इनसे उड़ना तक छीन चुके हैं अपनी-अपनी लालच में आके बेज़ुबानों का जीना छीन […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।