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  आज देखी है मैंने जल की तृष्णा, बड़ी भयंकर,वीभत्स,अनोखी-सी। अजस्र नरों का रक्त पीकर इठलाती चल दी भूखी-सी। अपना बहाव बदलकर आई है जन-मानस के जंगल में, बस जीत रही है आज अकेले प्रकृति-मानव के दंगल में। पर बुरा भी क्यों मानूं मैं उसको,जब उसे हमने ही हड़काया है, अपने […]

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  आओ,आओ कर लें आज, मनड़े री बात सखी। गाओ,गाओ कुरजे आज, हिवड़े रे साथ सखी॥ मोर बोले पीहूं-पीहूं, उठे रे हिलोर। पपीहे री बोली खारी, घूरे रे चकोर॥ पीव-पीव करे रे आवाज, नभ काली रात सखी। आओ,आओ कर लें आज, मनड़े री बात सखी॥ पीव का घर अपना अब, […]

यदि दुख में दिखता कोई भी, उसके दुःख से भर जाता। देख दूसरे की सुख-सुविधा, अनायास ही सुख पाता। देख सका कवि कहो भला कब, किसी व्यक्ति की भी पीड़ा। औरों की व्यथा लिखा करता, जन बीच उसी को गाता। कितना हो मीठा फल लेकिन, उसको वह वृक्ष न खाता। […]

फूलों पर वो, प्यारी-प्यारी.. तितली चली। कभी भागती, कभी ठहरती.. तितली चली॥ चंचल नैनों, पैरों वाली। रंग-बिरंगे, पंखों वाली॥ तितली रानी, लगती बच्चों.. खिलती कली॥ सुन्दर-सुन्दर, प्यारी-प्यारी। तितली लगती, न्यारी-न्यारी॥ फूलों,झूलों, मन की गोदी.. तितली पली॥                             […]

हमारे देश में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं है,बल्कि एक धर्म है,और इस धर्म के भगवान हैं दुनिया के सबसे शानदार व सफल बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर। हमारे यहां क्रिकेटर होना कोई साधारण बात नहीं है। यहां तो क्रिकेटर हर दिल की धड़कन होते हैं, और फिर किसी भी मैच के […]

मैया दूध पिलाओ ना, भूख लगी है आओ न। दूध पिलाकर,लोरी गाकर, वापिस मुझे सुलाओ न॥ मैया तेरी गोदी मुझको, बहुत सुहानी भाती है। तेरी वाणी ,तेरे हाथों , मेरी निंदिया आती है॥ मैया तेरी बातें,ममता, मेरे मन को हरती है। मेरा अम्बर,पंछी,बादल, तू  ही मेरी  धरती है॥     […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।