नभ चाहें धरती डोले, वो बैठें फेसबुक खोले उंगली करें होले होले,वो बैठें फेसबुक खोले! दुनिया भर के दोस्त बना दे, ये इण्टरनेट साइट, गीदड़ भी है यहाँ गरजते होकर इकदम टाइट। हैलो हाय बोलते रहते, हाउ आर यू कहते , सुन्दरियों को देख एक पे सौ रिकवेस्ट हैं करते। […]

मेरी मा ने एक बार कहा था , बेटे जहा गणतंत्र का झंडा , फहराया जाये , 26 जनवरी को , वहा ! उस जश्न मे मत जाना , उस झण्डे के नीचे मत जाना , ये सफेदपोश ,  उस झण्डे को दागदार कर दिये है , हर साल इसकी […]

हाथों का श्रंगार ये मेंहदी। बाबुल का प्यार ये मेंहदी।। जैसे – जैसे ये गहरी होती, बनें प्रीत कि हार ये मेंहदी।। मेंहदी हाथों में शोभित हो, दे जाती आकार ये मेंहदी।। दो दिल में जान सी रहती, रंगो की बौछार ये मेंहदी।। खुशियों की सौगाते बाँटे, होती ना लाचार […]

आल्हा छन्द* (हिन्दी भाषा पर) हम सबका अभिमान यही है , इससे सबकी है पहचान। सबसे प्यारी हिंदी भाषा, इसमें बसी हमारी जान।। मान बढ़ाती हम सबका यह, फिर भी इससे हम अनजान। सहज, सरल, मनभावन है ये, हिन्दुस्तां की ऊँची शान।। #कृष्ण कुमार सैनी”राज” दौसा,राजस्थान  Post Views: 18

आज क्या हुआ पता नहीं रात का एक भी कब की बज चूका था। इतनी मिन्नतें करने के बावजूद कोई भी आत्मा हमारे प्लेंचेट आने तैयार नहीं थी।  मेरे अलावा मेरे तीन मित्र भी मेरे साथ ही परेशान थे। खैर , मै तो प्लेंचेट से बहुत अच्छी तरह परिचित था।  […]

बिटिया अनायास ही मेरे दिमाग को झकझोर कर देने वाला सवाल पूछ उठती है। पापा ; इस धरती पर इंसान की तादात दिन प्रतिदिन सुरसा राक्षसी के मुख की तरह बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद धरती पर वनस्पति, वन्य जीव जन्तु विलुप्त होते जा रहे हैं।कई प्रजातियां तो नष्ट […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।