एक व्यक्ति चाँदी के एक टुकड़े को बार-बार आग में डालता, उसे निकालता, उसे देखता और फिर से आग में डाल देता। मैंने उनसे पूछा- ये आप क्या कर रहे हैं ? वे बोले- मैं चाँदी के इस टुकड़े को शुद्ध कर रहा हूँ। मैंने उनसे पूछा- आपको कैसे पता […]

फरवरी का महीना था ।बात शिवरात्रि की है ,उस दिन सुबह से ही बारिश हो रही थी ।तभी गली में मुझे बीन की आवाज सुनाई दी।किसी ने दरवाजा खटखटाया और आवाज लगाई ,ओम नमः शिवाय । शिव जी का नाम कानों में सुनाई दिया तो खिड़की खोल कर देखा गली […]

   भदर- भदर कुछ लोग कुछ पीट रहे थे। घनी चीखों से माहौल भरने लगा। पुलिस आई । भदर -भदर रोका,देखा दो रोती हुई आत्माएं आलिंगनबद्ध थी। पुलिस ने उनसे पूछा यहाँ कैसे?वे बोले- वेलैंटाइन। पीटने वाले से पूछा- तुम सब यहां कैसे? वे बोले -वेलैंटाइन।’ पुलिस ने अपने माथे […]

वह दुनिया का सबसे बड़ा बावर्ची था, ऐसा कोई पकवान नहीं था, जो उसने न बनाया हो। आज भी पूरी दुनिया को सच के असली मीठे स्वाद का अनुभव हो, इसलिये वह दो विशेष व्यंजन सच और झूठ के हलुवे को बनाने जा रहा था। उसे विश्वास था कि दुनिया […]

गोदान के संदर्भ में दो मुख्यत: बातें सामने आती हैं। एक 1936 में प्रकाशित मुंशी प्रेमचंद का जग जाहिर उपन्यास गोदान और दूसरा मत्यु के उपरान्त वैतरणी पार करने के लिए गोदान। इन दोनों गोदानों में गाय का जिक्र है साथ ही आज के दौर में परिवर्तन की शुरुआत हो […]

मेरे हाथ आटे में सने थे, डोर बैल बार बार बज रही थी । मैने फंकी (हां मेरी बड़ी बेटी) को आवाज़ लगाई और दरवाज़े पर देखने के लिए कहा । वो अपने म्यूजिक में मस्त थी और उसे म्यूजिक सुनते समय कोई भी बोले तो बहुत बुरा लगता है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।