मेरे घर के सामने एक पेड़ पर गिरगिट बैठा था अपने रंग बदलने के हुनर पे ऐंठा था बोला रंग बदलने में नहीं है कोई मेरा सानी बड़ा इतरा रहा था मचलता जा रहा था मैंने कहा गिरगिट भाई आज इंसान जितने रंग बदलता है जिस स्फूर्ति से बदलता है […]

ऐ! हवा ये मिट्टी जो तुम साथ लाई हो ये यहाँ की प्रतीत नहीं होती तुम चाहती हो मिलाना उधर की मिट्टी इधर की मिट्टी में और इधर की मिट्टी उधर की मिट्टी में तभी तो लाती हो ले जाती हो सीमा पार मिट्टी लेकिन कुछ ताकतें हैं इधर भी […]

मैं   पीड़ा   हूँ  उस   दरिद्र  की जो  नित  भूखा  सो  जाता  है पीने  को    तो  आंसू  खूब  हैं भूख   लगे   तो गम  खाता  है मैं  पीड़ा  हूँ   उन   हाथों   की जो   दिन  –  रात   कमाता है वो   सो   जाता   है   खुले  में जो  औरों  के   घर  बनता  है मैं  […]

उसकी अहिंसा यरवदा जेल में पूना पैक्ट में साबित हुई घातक वंचितों के लिए उसकी अहिंसा ने की वंचितों के अधिकारों की हत्या उनके शासक बनने के अवसरों की हत्या समता मूलक समाज की परिकल्पना की हत्या विपन्नता से संपन्नता की ओर अग्रसर होने के हौंसलों की हत्या वो फिर […]

शूरवीर वह नहीं जो करके नरसंहार जीत ले कलिंग-युद्ध जो बहा दे लहू का दरिया जो मचा दे चहूंओर त्राही-त्राही जो कर दे अनाथ अबोध बच्चों को जो कर दे विधवा नवयुवतियों को जो छीन ले बुढ़ापे की लाठी वृद्ध माता-पिता से निसंदेह वह शूरवीर है जो फैला दे अमन […]

मेरे अास-पास के लोगों का कद हो गया उनके वास्तविक कद से कहीं अधिक ऊँचा विड़ंबना यह भी है वो नहीं जानते झुकना भी इसलिए मुझे ही करने पड़ेंगे अपने चौखट-दरवाजे उनके कद के अनुरूप ताकि बचाया जा सके रिश्तों को दुर्घटनाग्रस्त होने से #विनोद सिल्ला   जीवन परिचय   […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।