काशी,काबा, तीर्थ है माता, शुद्ध प्रेममयी स्नेहिल माता। माता से नाता अति अनुपम, सबसे प्यारी मधुरिम माता।। मृदु  पुष्पों  से भरी मृदुलता, दिनमणि जैसी भरी प्रखरता। गंगाजल–सी  है  माँ  पावन, वाणी  में अति भरी मधुरता।। माँ की गोद में देव भी विह्वल, मैया  की  ममता  है अविरल। सागर–सी  गहराई  है  […]

सुधी साहित्यकार डॉ0 मृदुला शुक्ला “मृदु” की काव्य-कृति शतदल का मैंने गहन अवलोकन किया। इस कृति में 100 स्फुट रचनाएँ हैं। अर्थात मुक्तक कवितारूपी 100 पंखुड़ियाँ हैं, जो भक्ति-भावना,प्रेम-भावना,राष्ट्र-प्रेम एवं नैतिकतापूर्ण भावनाओं से ओत-प्रोत हैं। कवयित्री के द्वारा जिन वैविध्य विषयक भावों को जिस सहजता एवं सौष्ठव के साथ प्रस्तुत […]

कविता लिखी नहीं जाती, कविता स्वत: जन्म लेती है। वास्तव में मन के उद्गार ही कविता है। कवि यथार्थ के धरातल पर बैठा हुआ कल्पना लोक में स्वच्छन्दता पूर्वक विचरण करता रहता है। कवि पीड़ाओं के गहरे समुन्दर को पार करता हुआ कल्पनारूपी पतवार से अबाध गति से आगे ही […]

पूरे गाँव में उत्साह का वातावरण छाया था, चारों तरफ खूब चहल-पहल थी। क्या बच्चे, क्या बूढ़े, सभी खूब मौज-मस्ती कर रहे थे। कच्चे घरों की दीवारों पर मनमोहक कलाकृतियाँ बनाई गयीं थीं। चबूतरे को गोबर से लीप-पोतकर किरण सुन्दर रंगोली बनाने में जुटी थी। समूचा गाँव अत्यन्त भव्यता लिए […]

चाहत है शिखर पर बैठकर आसमान छू लूँ। मैं बादलों को हाथों मे लेकर,जी भर खेलूं। मैं किरणों की कूची से चित्र निर्मित करूं सुनहरे सूरज से मांगकर चमकीला रंग ले लूँ। पत्थरों से निकल झरना बन विस्तार पाऊं गुनगुनाती सरिता बन गहरे समुद्र से मिल लूं। जंगल के ऊंचे […]

1

बढ़ापे के हालात दर्शाने का एक प्रयास मैंने उसे रुक-रुक कर चलते हुए देखा है, उम्र ज्यादा होते हुए भी झुककर चलते देखा है, लगा जैसे उसे किसी बोझ ने दबा रखा हो, मैंने उसे हर दो कदमों में ठहरते हुए देखा है, मन में आँसू छुपा कर उसे दिल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।