चिंतन करने से क्या होगा साथ जो चोरों का दोगे, अनुदिन लिखने से क्या होगा साथ जो चोरों का दोगे! ००० ग्राफ बढ़ रहा क्योंकर प्यारे निशिदिन कविता चोरी का, बात ये रटने से क्या होगा साथ जो चोरों का दोगे! ००० मंच सजाते तुम जब सँग में बड़े शौक़ […]

इधर नकलची उधर नकलची, नहीं हैं बोलो किधर नकलची? कवि ख़ुद को वह लिखते लेकिन, हैं सचमुच वे कुधर नकलची मंचों पर सम्मान मिले तो, हँसें खोलकर अधर नकलची! बड़े-बड़े सँग देते उनका, कैसे पाएँ सुधर नकलची! ‘सरस’ न इच्छा हो जाने की, बैठें खुश हो जिधर नकलची! जीवनवृत *सतीश […]

घिर आए हैं मेघ गगन में पंछी भरमाये, मोर नाचते,पीहू-पीहू कोयलिया गाये। धरा प्रफुल्लित दिखे खेत में सरसों है फूली, पिया आएँगे लौट,सोच यह सखि ख़ुद में भूली। फूल खिले उद्यान में दिखते वृक्ष हैं हर्षाये, मोर नाचते,पीहू-पीहू कोयलिया गाये।। तले पकौड़े भाभी-माँ यह देख सुहृद मौसम, खा के पकौड़े […]

मेरे साथ अगर संभव हो जागो मेरे साथी, प्रेम का दिल में नव उद्भव हो जागो मेरे साथी! ००० शक्ति ज़िन्दगी में है प्यारे सचमुच बहुत ज़रूरी, शक्ति बिना ख़ुद शिव भी शव हो जागो मेरे साथी! ००० दो पहियों पर चलती गाड़ी चाहे धीमे-धीमे, मिले साथ तो जीवन नव […]

व्यापारी सँग त्रस्त हैं शिक्षक और त्रस्त हैं विकल किसान, फिर भी हम कहते नहिं थकते मेरा भारत देश महान। ००० नाम अतिथि शिक्षक पर झेले हरदम वे शोषण की मार, मिलता वेतन कार्य दिवस का मुफ़्त रहे समझो रविवार। नियमित शिक्षक से हरदम वो विवश झेलने बस अपमान, फिर […]

मन की बात कहें क्या प्यारे मन का कोई पता नहीं, हुए पराये सभी हमारे मन का कोई पता नहीं! ००० जीवन में कायम हैं अब भी कई तरह के अँधियारे, ढूँढ़ें हम कैसे उजियारे मन का कोई पता नहीं! ००० तन्हाई की बात करूँ क्या वो तो परम संगिनी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।