मानव की सेवा से बड़ा नहीं है कोई काम, दुखियों के दुःख दूर करना वहीं हैं चारों धाम। सबको खुशियाँ बाँटो तुम सबको सुख पहुँचाओ, जाने-अनजाने में भी किसी का दिल न तुम दुखाओ। अपने सद-व्यवहार से सबके तुम बन जाओ, ईंट रेत के घर की बजाय सबके दिल में […]

मानव क्यों व्याकुल है तू क्यों व्यथित-सा फिरता है, तू तो खुद नारायण है तेरे भीतर भगवान बसता है। राम नाम का जाप करता क्यों मन्दिर,घाटों में भटक रहा, मृगतृष्णा के जाल में फँसकर क्यों भ्रम में तू सिमट रहा। अपने अन्तर्मन् के मन्दिर में ज्ञान का दीप जला ले, […]

वो दूर क्षितिज पर सूरज निकल गया है, अपनी जगमग किरणों से उसने हमारी असंख्य, आशाओं को रौशन कर दिया है, कल शाम की सुप्त हुई आकांक्षाओं को जाग्रत कर दिया है, अब चलो… उठ जाते हैं अपनी उम्मीदों की गठरी को उमंग के कांधे पर लादकर घर से निकल […]

मन में पवित्र सोच रखो और दिल के भाव पवित्र रखो, जाति , धर्म के भेदभाव से तुम – सब सदा ही दूर रहो। छोटा कोई नहीं होता और न ही बड़ा कोई होता है, माँ के गर्भ से बाहर आकर तो हर बच्चा ही रोता है। ऊँच-नीच की सोच […]

  आसमां का कतरा जो पिघला तो पिघलकर बून्द बन गया, और आसमां से बिछुड़कर धरती से मिल गया.. पर आसमान से धरती तक का उसका सफ़र बड़ा अजीब था, वही बिछुड़ा उससे जो सबसे उसका अज़ीज़ था.. एक नई दुनिया में उसे जाना है अनजाने रिश्तों की गाँठ में […]

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हे ! प्रभु ,हे ! नाथ हमारे नमन तुम्हें करती हूँ, अपनी श्रद्धा के पुष्प सारे अर्पित तुम्हें करती हूँ। सारे संसार की रचना करके तुमने ये सुन्दर जहां बनाया है, जीव,जन्तु और प्रकृति से इसको खूब सजाया है। कल-कल करती बहती नदिया और सजी हरियाली है , बन्दर ,ऊँट […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।