हे ! राम तुम्हारा नाम लेकर ये जगत सारा जीता है, जीवन की कठिनाइयों भरा जहर सारा पीता है। मुश्किल घड़ी जब आती है तो तुम ही याद आते हो, दर्द भरे ज़ख्मों को हमारे तुम ही तो सहलाते हो। जन्म-मरण के बीच की तुम ही तो कड़ी हो, तुम […]

मानव की सेवा से बड़ा नहीं है कोई काम, दुखियों के दुःख दूर करना वहीं हैं चारों धाम। सबको खुशियाँ बाँटो तुम सबको सुख पहुँचाओ, जाने-अनजाने में भी किसी का दिल न तुम दुखाओ। अपने सद-व्यवहार से सबके तुम बन जाओ, ईंट रेत के घर की बजाय सबके दिल में […]

मानव क्यों व्याकुल है तू क्यों व्यथित-सा फिरता है, तू तो खुद नारायण है तेरे भीतर भगवान बसता है। राम नाम का जाप करता क्यों मन्दिर,घाटों में भटक रहा, मृगतृष्णा के जाल में फँसकर क्यों भ्रम में तू सिमट रहा। अपने अन्तर्मन् के मन्दिर में ज्ञान का दीप जला ले, […]

वो दूर क्षितिज पर सूरज निकल गया है, अपनी जगमग किरणों से उसने हमारी असंख्य, आशाओं को रौशन कर दिया है, कल शाम की सुप्त हुई आकांक्षाओं को जाग्रत कर दिया है, अब चलो… उठ जाते हैं अपनी उम्मीदों की गठरी को उमंग के कांधे पर लादकर घर से निकल […]

मन में पवित्र सोच रखो और दिल के भाव पवित्र रखो, जाति , धर्म के भेदभाव से तुम – सब सदा ही दूर रहो। छोटा कोई नहीं होता और न ही बड़ा कोई होता है, माँ के गर्भ से बाहर आकर तो हर बच्चा ही रोता है। ऊँच-नीच की सोच […]

  आसमां का कतरा जो पिघला तो पिघलकर बून्द बन गया, और आसमां से बिछुड़कर धरती से मिल गया.. पर आसमान से धरती तक का उसका सफ़र बड़ा अजीब था, वही बिछुड़ा उससे जो सबसे उसका अज़ीज़ था.. एक नई दुनिया में उसे जाना है अनजाने रिश्तों की गाँठ में […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।