जर्जर डाली है फूल,मुझे झरने दो मैं झरकर हूँगा शांत किसी कोने में फिर व्यर्थ न दुख होगा मुझको रोने में मैने देखा संसार,पता है सुख क्या है चार दिनों का सुख नीरस जीवन में मुट्ठी भर मुझको धूल आज धरने दो जर्जर डाली है फूल,मुझे झरने दो। साथी सपने […]

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मैं हिंदी देश का वासी हूँ, पर अंग्रेजी भाषी हूँ! जब मद-महफ़िल में होता हूँ, डूड पुकारा जाता हूँ। आधी रात गए जब नाईट पार्टी से घर आता हूँ, सामने वाली खिड़की से चिरकुट पुकारा जाता हूँ। कभी फ़ेसबुक,कभी व्हाट्सएप, कभी यूट्यूब में फिरता हूँ, भोर पहर डॉगी को लेकर […]

एक बार सभी सत्ता पक्ष के  राजनेताओं का मत हुआ कि चलो भ्रष्टाचार मापक यन्त्र मंगवाया जाय। जापान में बना यन्त्र अधिमूल्य देकर भारत लाया गया।जैसे ही बड़े नेता जी ने अपना लेवल चेक करने के लिये बटन दबाया पारा ऊपर चढ़ गया और अजीब-सी कम्पन होने लगी।सभी नेतागण भयभीत […]

जहाँ है गंगा की उर्मिल धारा, जहाँ ध्रुव कोई बन जाए तारा जहाँ शून्य है जन्मा, जिसे जाने जहां सारा जिसके भाल पर शोभित पर्वतराज है न्यारा, जहाँ है स्वयं गिरधर ने कोमल पांव पखारा जिसके ओज से यहाँ औरंगजेब है हारा, जहाँ पाकर ज्ञान की अमृत बना ‘कवि’ कालिदास […]

हमारे गांव में सुबह से ही लोगों का जमावड़ा लगा था,चुनावी प्रचार के सिलसिले में नेता जी आने वाले थे। उनके साथ कोई अदाकारा भी आएंगी! लोग आपस में चर्चा कर रहे थे। जिन लोगों ने कभी अपने गांव की कच्ची सड़कों पर मोटर कार नहीं देखा आज वो हेलीकॉप्टर […]

भर – भर आँसू से आँखें , क्या सोच रहे मधुप ह्रदय स्पर्श , क्या सोच रहे काँटों का काठिन्य , या किसी स्फूट कलियों का हर्ष ? मन्द हसित , स्वर्ण पराग सी , विरह में प्रिय का प्रिय आह्वान , या सोच रहे किस- क्रुर प्रहार से छुटा […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।