कैसा पिलाया जाम, मैं भूला अपना नाम | पूछ रही दुनिया हाल, मैं आजकल हूँ बहुत बेहाल | सह न सका सामाजिक चोट, मेरी नियत में नहीं है खोट | फिरता हूं मारा-मारा, मैं बस अपनों से हारा | सच को सच कह देता हूँ, रोज नई मुसीबत मोल ले […]

रंगों की रंगोली में साथ सभी के टोली में। प्यार का रंग बरसातें हैं प्रिये आओ अबकी होली में। फागुन का खूब चढ़े खुमार रस घोल दो ऐसी बोली में। गिले-शिकवे भूल मिल जाएं गले मीत आओ अबकी होली में। हर चेहरे पे मुसकान सजे खुशियों से हर मन महके। […]

  हवाओं से कहना तुम, तीव्र वेग से बहते हुए जाएं। इन बेरहम घटाओं को,  दूर कहीं छोड़ आएं। पर कहना उनसे, यहीं पास ही एक गरीब सोया है। बिन बात न शोर मचाएं, उसकी नींद में खलल बन  अभी न उसे जगाएं। उसकी छोटी-सी कुटिया में, परी-सी एक बिटिया […]

आओ कविता-गीत लिखें हम, दिल का मधु संगीत लिखें हम। तोड़ जगत की दीवारों को, अमन प्रीत नई रीत लिखें हम। गैर-पराया,सब अपनों को, जाने-अनजाने,सपनों को, सृष्टि के कतरे-कतरे को, नया भोर,नव मीत लिखें हम। आओ कविता-गीत लिखें हम॥ पल दो पल के मेहमां होकर, जी लें जीवन रहमां होकर, […]

हे शारदे मां,शारदे मां, ज्ञान का भण्डार दे मां। विमल वाणी विद्या वरणी, हस्त पुस्तक माला धरणी। श्वेत वस्त्र वंदिता मां, बुद्धि का उपहार दे मां। शारदे मां शारदे मां, ज्ञान का भंडार दे मां। ध्यान और विज्ञान दे मां, सबको सन्मति ज्ञान दे मां। सारे जग के जीवो को […]

पिया मिलन को आतुर नैनों, सृष्टि के कण-कण को देखो। प्राण प्रिय ‘वो’ पिया दिखेंगे, जरा ठहर धड़कन को देखो। सर-सर बहती हवा सुहानी, केवल गाती उसकी कहानी। कान लगाकर सुनो गौर से, हवा के मन, कम्पन को देखो। पिया मिलन को आतुर नैनों, सृष्टि के कण-कण को देखो॥ मंथर-मंथर […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।