संवेदना की मृदु धरा पर शब्द तुमने बो दिए ताल यह घोषित करेगा पद्य हो अपद्य हो ॥ १॥ मान हो अपमान हो या स्वाभिमान कि हो विजै काल यह घोषित करेगा लज्ज हो निर्लज्ज हो ||2|| राग हो अनुराग हो या प्रेम का छ्द्मावरण भाव यह घोषित करेगा लिप्त […]

आदत हो गयी है मेरी उँगलियों को मोबाइल पर दिन भर थिरकने की अँगूठे और तर्जनी को मिलकर कुछ खोजने की चीज़ों को बारीकी से परखने की आदत भी ऐसी कि अब तो अखबार हो या हाथ में कोई पुस्तक लगता है ज़ूम कर लो सोचो ,कभी तुम्हे ही ज़ूम […]

मंदसौर पर व्यथा………… नही चाहिए कोमल काया बेटी को वज्र बनाना होगा हाथ खड्ग ले बैठ सिंह पर अब उसको आना होगा पूजा जाता है जहां कन्या को त्यौहारों पर वहीं करते पुरुष निरादर नन्ही नन्ही जानो पर माता के पूजन का विधान पुरुष को करना था पैर पखार आई […]

तेरा मुझसे मिलना मुझे आज भी याद है निगाहों में बसा वो पहली नज़र का प्यार हाँ मुझे आज भी याद है ॥ था इक हसी इतेफाक हुई जब तुझसे मुलाक़ात प्यार करना नहीं था .. फिर भी हुआ तेरे साथ ॥ ये तो बस रूहों का था मिलाप ॥ […]

अनगिनत कविताएं लिख रहा हूँ हर तरफ शोर मचता है आलोचना का शिकार होना पड़ता है वाह वाही भी खूब मिलती है लेकिन कमियां ज्यादा निकाली जाती है ताल,लय,छंंद, मात्राओंं से परे…. लेकिन.. प्रकट करता हूँ.. हृदय स्पंंदित होता है… भाव है बस मेरे पास… यूूं ही उमड़ पड़ते है […]

राष्ट्रभक्ति की बात न भाये , कह अपशब्द बहुत हर्षाये भारत माँ को देते गाली , उछल उछल कर पीटे ताली बात बात पर लड़ने लागे , शोर करे ज्यो करते कागे ऐसे ऐसे कर्मन कीना , दुख दारुण राष्ट्र को दीना , दुश्मन को देते सन्देशा ,फैला दंगा करो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।