सच पूछो तो भगत सिंह तेरे अरमानों का खून हुआ है तेरे बलिदान को अनदेखा किया है तेरे खून के कतरा-कतरा को नीलाम किया है | आजाद हिंदुस्तान के नेताजी ने आजादी को खूब भुनाया स्विस बैंक में खाता खुलवाया फिर उसको भरने के वास्ते घोटालों का रिकार्ड बनाया | […]

बस ऐसे ही एक साहित्यिक पत्रिका के पृष्ठ उलट-पलट रहा था कि तभी एक लघुलेख पर नजर पड़ी | जो गधा महाशय के वर्णन में लिखा गया था | लेख में मुंशी प्रेमचंद की किसी रचना का कुछ हिस्सा साभार लिया गया था | लेख पढ़कर मेरी पुरानी स्मृतियां ताजा […]

(1)देह का अंत      आत्मा का सफर       है अविरल        (2)अंत समय       छोड़ के उड़ जाती        रही जो साथ         (3)धार्मिक संत       अवतरित हुवे       अधर्म अंत        […]

(1)वात्सल्य भरा      सागर से गहरा      माँ का ह्रदय       (2)संध्या बनाती      रात के तवे पर      चांद सी रोटी        (3)संध्या परोसे      गगन की थाली में      चांद सी रोटी        (4)कदम तेरे   […]

फूलों सी, कलियों सी कोमल बेटियाँ, माँ का प्यार, पिता की इज्ज़त बेटियाँ | कुल की शान, अभिमान की पगड़ी बेटियाँ, घर-परिवार की आन, मान, शान,जान बेटियाँ | सीता, सावित्री, दुर्गा सी होती वीरांगना बेटियाँ, आज जीत कर ला रहीं पदक, भारत की बेटियाँ | सादगी से बड़ी नहीं कोई […]

                  घाटी नर्क बनाकर दिल्ली बैठी पहन चूडियाँ किन्नर रोना रोती है |       सिंहों के जिस्म कुत्ते नोच-नोच खाते शौर्य-वीरता के सम्मुख दीवार बना कानून राजनीति बंदूकों के मुख ताले लगवाती है |                  देखो कैसे स्वार्थवश दिल्ली विषधरों को दूध पिलाती है मेरे देश के वीर जवानों को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।