उसे खूब मालूम है ज़ुल्म ढाने का तरीका ज़ख़्म देता है तो उसपर नमक भी रखता है क्या कर सकेंगे आप उसके जुर्रत का मुकाबला वो झूठ बोलता है तो धमक भी रखता है दिन को पाट दिया काली अँधेरी रातों से,वावजूद इसके अपने चेहरे पर वाइज़ चमक भी रखता […]

ये धुँध छँट जाए तो फिर चेहरा देखना धूप सेंकता हुआ कोई चाँद सुनहरा देखना उनसे मिल आईं तो हवा ये बतियाती हैं गर्म चाय की प्याली में ढ़लता कोहरा देखना निकलो तुम जो कभी अलसाये सवेरों में ओंस से अपने बदन धोते हुए पेड़ हरा देखना रखना गर ख्वाहिश […]

आज वो भी जुल्म के शिकार हुए जो जुल्म किया करते थे भगवान की भी हम जात देख लेंगे सरे आम कहा करते थे इनको न काशी न ही कुम्भ की कोई समझ थी कभी जो गंगा को हिन्दू और यमुना को मुसलमान कहा करते थे भाईचारे की राख और […]

ज़माने से हुई ख़बर कि मैं सुधर गया फिर वो कौन था जो मेरे अंदर मर गया दूसरों की निगाहों से जो देखा खुद को आज देख कर अपना ही चेहरा क्यों डर गया वो अल्हड़पन,वो लड़कपन कल तक जो था आज ढूँढा बहुत,ना जाने किधर गया मैं खोजता रहा […]

वो मुझे मेरी हद कुछ यूँ बताने लगा जो डूबा मेरे रंग में,बेहद बताने लगा इक आँधी चली और नेस्तोनाबूत हो गया वो दिया जो कल सूरज का कद बताने लगा जहाँ भी मिले अपनों के सर कटे हुए लाश अखबार उसी को बारहां सरहद बताने लगा पहले आँख फोड़ते […]

कहीं पिघलना तो कहीं गलना है बहुत वो अदना औरत है उसे सँभलना है बहुत कहीं सीता तो कहीं पद्मावती अब भी हैं बहुत रिवाज़ की आग पर अभी उन्हें जलना है बहुत #मी टू, #ही फ़ॉर सी से कुछ बदलेगा नहीं आखिरकार ज़ुबाँ उन्हें ही सिलना है बहुत आखिर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।