हाथ जोड विनती करूँ , धरुँ  मैं शीश चरण लाज मेरी रखों गुरुदेव आया आपकी शरण ।। विनय मेरी सुन लो ,  हे  !  गुरुदेव  महाराज आराधना निशिदिन करुँ , बन आपका दास ।। सुमिरन दीप जलाया हैं,उर में दीप जला देना मैं खडा आपके द्वार पर , बेडा पार […]

मेरे हर संकट में मिलता , है अविलम्ब सहारा। हे दीनों के नाथ, दीनानाथ तुम्हारा।। नाव करे जब डगमग, मिले न कहीं किनारा। अतुलित छवि हिय में, बसता मुस्कान तुम्हारा।। जब भ्रमित कहीं मन मेरा, पथ दर्शक दिनकर तुम हो। जब व्यथित कहीं मानस हो, शुचि सम्बल प्रभुवर तुम हो।। […]

विश्व योग दिवस विशेष………………………….. शरीर  और   मन   को एकाकार  करता  योग । तनाव से राहत दिलाता मन शांत करता है योग ।। असाध्य रोगों का उपचार हर संभव  करता  है योग । शरीर  और  मस्तिष्क  मे नव ऊर्जा भरता  है  योग ।। मानव   को  निरोग  रहने का पाठ सिखलाता है […]

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई के बलिदान दिवस 18 जून पर विशेष  अश्व पर  बैठी मर्दानी हाथों में लेकर कृपाल । पवन वेग-सी गति चल पडी बन शत्रु का काल ।। कण-कण में भर ज्वाला रण में बनी थी वह चंडी । इसकी   देखकर  वीरता नतमस्तक हुए […]

पिता साधना है जीवन की पिता भावना है तरक्की की । पिता मुस्कान है बचपन की पिता आराधना है संस्कार की ।। पिता परिभाषा है योगासन की पिता अभिव्यक्ति है जीवन की । पिता धरोहर है घर-परिवार की पिता अनुभूति है अनुशासन की ।। पिता प्राणायाम-सी ऊर्जा घर की पिता […]

हिमालय की चोटी को छूना चाहता हूँ । परींदो जैसा गगन मैं उडना चाहता हूँ ।। खुशियों की फिजा में जीना चाहता हूँ । ध्रुव तारे की तरह चमकना चाहता हूँ ।। शिल्पकार की तरह आकार देना चाहता हूँ । विवेकानंद,चाणक्य की तरह बनना चाहता हूँ ।। मेरे हर एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।