दीये की जोत जो हो तुम सनेह का धृत  मेरा है. सुवासित हवन-धूप-सा मेरे रोम में बसे हो तुम. जीवन यह ढोल है मेरा तेरे   थापों   बिना  सूना. जो तुम्हारी धूप पड़ती है तभी  होता  मेरा  वादन. मेरी  पूजा, मेरा  अर्चन मेरा वंदन,  मेरा  गायन भजन की लय तुमसे है […]

दीप जलाओ घर आँगन में, दीप जलाओ जन जन के मन में। दीप जलाओ उनके भी मन में, अंधकार है जिनके मन में । दीप जलाओ उन जन में, गुबार भरा जिनके मन में। दीप जलाओ उनके पन में, अनंग छिपा जिनके तन में । दीप जलाएं नारी अपने-2 घर […]

देवभूमि उत्तराखंड बालिग हो गया प्रांत फिर भी परिपक्व नही चिंता यही महान जल,जंगल,जमीन पर नही मिला है हक मूल निवासी वंचित है कब मिलेगा उनको हक बेरोजगारी,पलायन से आहत है उत्तराखंड नदियो,पेड़ो का दोहन जारी सत्ताधीश मदमस्त सुनहरे जो सपने बुने थे नही हुए साकार आत्महत्या तक कर रहा […]

झूठा   देखो   चल   रहा   सबको   ले  के  साथ। हुनरमंद  है  बड़ा , छल  रहा  सबको  एक साथ।। मजबूरी  में  है  लोग  बहुत  जो  खड़े  झूठ के  साथ। चंद  रुपयों  के  मोह  में  अब सब चले झूठ  के साथ।। सब बंदर की तरह नाच रहे,हुनरमंद डुगडुगी बजाए। आत्मसम्मान खोकर बंदर बेचारा […]

गरीबों के घर कब उजाले हुए है दिल दुखा है पैरों में छाले  हुए है मिलती नहीं है खुशियां भी उनको अरमान दिलो में जो  पाले हुए है तरस रहे  एक  एक रोटी  को  वो भूख जोरो की है न निवाले  हुए है एक दीपक भी कोई जला ही नहीं […]

रश्मि-रथ की करके सवारी तुम आईं हिय-द्वार सुकुमारी श्वासों के आरोह-अवरोह से आहट होती प्रतिध्वनित तुम्हारी अथाह व्योम-से उर में जैसे दिव्य नूपुर खनक रहे हैं इस मादकता की धारा में सारे सुर-नर भटक रहे हैं प्रत्येक सुमन से तेरी ही प्रतिबिंबित होती है छवि न्यारी श्वासों के आरोह-अवरोह से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।