देशाटन करो कितना भी पर घर मे ही मिलता चैन बहारी दुनिया बहारी है अपने ही सुख देन अपने अंदर स्वयं को खोजो आत्मबोध हो जाएगा जिसने भी स्वयं को जाना ज्ञानी वही बन जायेगा परमात्मा से लौ लग जाये तो परमज्ञानी हो जायेगा। #गोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ […]

देख वीरो की बलदानी – खून मेरा भी खोला है। आज दिल मेरा भी मचला – देख बसंती चोला है।   मेरा देश ही- मेरी जान है। इसके लिए एक जीवन क्या, हजारो  भी कुर्बान है।   खाकी का रही हूँ देश का सिपाही हूँ देश की मिट्टी ही मेरी […]

गर हो आज तुम्हारी इजाज़त मुझे तो आसमाँ पे तुम्हारी इबारत लिखना चाहता हूँ तमाम दौलतें एक तरफ और तुम्हारी एक मुस्कान मैं तुम्हारी मुस्कान पर भरे बाज़ार बिकना चाहता हूँ रात की चादर हटे और तुम्हारा रूप खिले तब मैं तुम्हारे माथे पर ओंस सा चमकना चाहता हूँ कभी […]

यार समझते रहे,वो गद्दार निकला इरादे नापाक,  कब  यार  निकला हाथ  मिलाना  अच्छी  बात  नहीं पास उसके सिर्फ हथियार निकला माफ करते  रहे  भूल  हमसे  हुई फरेबी  बहुत, गुनाहगार  निकला भरोसे के हमारे वो  काबिल  नहीं मतलबी बहुत, बार बार  निकला कहता रहा खुद को पाक “सागर” झूठा बहुत उसका […]

जीवन चक्र हर पल चल रहा है अपनी ही चाल। इसपर ना फर्क पड़े चाहे हो किसी का बुरा हाल।। अपनी चाल पर ये सब लोगो को नाच नचाता है। कोई कितना भी कुछ भी कर ले ये ना रुक पाता है।। जीवन चक्र है ये जीवन के बाद भी […]

सबसे न्यारा, प्यारा- सा हमारा बचपन कहते जाकर कभी नही आता बचपन। पर मैंने देखा पापा,मम्मी,दादा-दादी को यह फिर आ जाता , जब बीतता पचपन ।। ईष्या-द्वेष, बैर-संघर्ष में नही मिले बचपन बडप्पन में सब इंसान डूबे , भूलें बचपन । बचपन की एक सीख बदल देती जीवन यही सीख  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।