हम क्या से क्या हो गये भ्रम में पड़े बीमार हो गये हिंदू-मुस्लिम करते-करते खूनी दंगों के शिकार हो गये मंदिर-मस्जिद बनाते-बनाते हम स्वयं के घर से बेघर हो गये सही क्या और गलत क्या पता लगाते-लगाते गुम हो गये छलावे से भरा रौनकी बाजार झूठे यहाँ माला-माल हो गये […]

माँ तुमने मुझसे क्यों दामन छुड़ा लिया जीवन देने से पहले मेरा जीवन मिटा दिया बताओ तो सही क्या कसूर था मेरा मैं कोई गैर तो न थी, खून थी तेरा तेरे गर्भ में स्वप्न थे पाले सुन्दर-सुन्दर एक पल में हो गये सारे चकनाचूर जन्म अगर मुझको तू दे […]

नेताओं का क्या… इस दल न सही तो उस दल बस कुर्सी मिल जाये | और तुम (जनता) क्यों आपस में लड़ मर रहे हो तुम्हें तो वही करना है जो कर रहे हो / वहीं रहना है जहाँ रह रहे हो | तुम्हें (जनता) आज ऐसा एहसास हो रहा […]

“तुमको कुछ नहीं होगा… तुम सुरक्षित हाथों में हो।” अटपटी सी अंग्रेजी में कहा था उसने। होश में आने के बाद मंजीत ने खुद को किसी अस्पताल में पाया। जिस्म से कई मशीनें जुड़ी थीं और वो भी…. किसी जरूरी मीटिंग के लिए दिल्ली आया था। प्रेजेंटेशन के दौरान उसे […]

सदियों से दबी – कुचली आवाज को हुंकार रुप देने वाले धर्मनिरपेक्षता को जीवन्त बनाने वाले कलम को तलवार बनाने वाले महामानव बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर | वर्णव्यवस्था पर शिक्षा का वार करने वाले संविधान रचने वाले समता का उद्घोष करने करने वाले मानवता को सम्भल देने वाले महामानव […]

कल-कल करती बहती नदी जंगल और पहाड़ों से निकलती नदी इठलाती, बलखाती नागिन रूप बनाती नित-नित सबकी प्यास बुझाती बरसातों में रूद्ररूप बनालेती तब बड़ी डरावनी हो जाती घर्र – घर्र करके सबकुछ बहा ले जाती और जन-धन की बड़ी हानि हो जाती गर्मी में मर जाती, मिट जाती बस! […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।