आज-कल चुनावी मौसम में न जाने कितने लोग दल बदलते है। ये सिर्फ नेताओ तक ही सीमित नहीं है।आम पब्लिक भी रोज दल बदल रहे हैं।हर जगह स्वार्थ का बोल-बाला है। सिद्धान्त विहीन होते परिवेश में राजनीति ही नहीं भावनाओं का खिलवाड बदस्तूर जारी है। बोलचाल की भाषा में […]

    वैशाख का महीना तेज घूप और चुनाव का मौसम हर तरफ चहल पहल प्रचार की गाडियाँ रोज गाँव मे आते और प्रचार करते। अलग- अलग पार्टियो के होने की वजह से सभी के चुनाव श्लोगनो में अंतर होता था परंतु मकसद एक ही होता था वोटरो को लुभाना और […]

ऐ दिल तू बता दे, तेरा शहर क्यूँ भूला बडी मुश्किल से मैंने, बातों को भूला हसरतो को तूने क्यूँ, आँसूओ में घोला ऐ दिल तू बता दे, तेरा शहर क्यूँ भूला। कहते थे मुझसे, कभी न होंगे जुदा नादा था मै, समझ सका न तेरी खता मुस्कुरा के तूने, […]

प्रगति के अंधे दौर में थोडा सा वक्त हमारी घरती को भी चाहिये यही सोच सभी के दैनिक जीवन में आए और पर्यावरण के प्रति लोग जागरूक हों इसलिए पृथ्वी दिवस को अधिक महत्व दिया जाने लगा है। विभिन्न सेमिनारो लेखों कविताओं के जरिए भी पर्यावरण के प्रति गहरी चिंता […]

——————— नीले नभ में चाँद चकोर विखेरे सौन्दर्य अनमोल टिमटिमाते ढेरों सितारे टुकटुक देखे नयन हो रहे विभोर। —————————- शीतलता विखेरे चाँदनी धरती आँचल फैला करे शोर तरूवर की लता नाच रहे वायु जब चले चहुँ ओर। —————————– मुग्ध कर रही मनोरम दृश्य उन्मुक्त हो बनी रहे सुन्दरता आजादी की […]

———————– आई वैशाखी बढ़ी त्रास तपती धूप जली घास जल स्त्रोत होता दूर पौधे-प्राणी होते मजबूर ————————– सूखे नदी-नाले कुएँ-तालाब बाग-बगीचे की जड़े सूखे धरती के अंदर भी नलकूपो के लेयर छूटे। ————————— तप रही है धरती उगल रहा अम्बर आग पशु-पक्षी जीव-जन्तु और मानव के जीवन में जल है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।