जाडे का निशीथ समय

0 0
Read Time1 Minute, 57 Second
deepak sharma
जाडे का निशीथ समय
कडाके की ठंड
घना कुहासा
पंछी भी घोसले से बाहर
नहीं निकल रहे थे।
ठिठूरती जा रही थी
हाड-माँस-पेशियां,
शाम का जलाया हुआ अलाव
राख हो चुका था।
ओढ के काली कम्बल
नभ में छुप गयें थें सारे तारे
चाँदनी भी आज
धरती से बात करने
नहीं आ रही थी।
धूमिल होती जा रही थी
टार्च की रोशनी
राहगीर को भी
रास्ते नहीं सूझ रहे थे।
सियारों का हूँआं हूँआं
भी सुनाई नहीं दे रहा था।
और न ही
नजर आ रहे थे
दूर-दूर तक
भों-भों करता कुत्तों का दल
एक निर्जन खेत में
में अकेला
सींच रहा था
गेहूँ की फसल

#दीपक शर्मा

परिचय: दीपक शर्मा की जन्मतिथि-२७ अप्रैल १९९१ है। आपका स्थाई निवास जौनपुर के ग्राम-रामपुर(पो.-जयगोपालगंज केराकत) उत्तर प्रदेश में है,जबकि वर्तमान में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रावास में रहते हैं बी.ए.(ऑनर्स-हिंदी साहित्य) और बी.टी.सी.( प्रतापगढ़-उ.प्र.) तक शिक्षित श्री शर्मा फिलहाल एम.ए. में अध्ययनरत(हिंदी)हैं। आप कविता,लघुकथा,आलेख सहित समीक्षा भी लिखते हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी कविताएँ व लघुकथा प्रकाशित हैं। विश्वविद्यालय की हिंदी पत्रिका से बतौर सम्पादक जुड़े हुए हैं।आपकी लेखनी का उद्देश्य- देश और समाज को नई दिशा देना तथा हिंदी क़ो प्रचारित करते हुए युवा रचनाकारों को साहित्य से जोड़ना है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

संगम युग

Fri Mar 9 , 2018
झूठ,बेईमानी,मक्कारी में हो रहे कुछ लोग मालामाल सत्य,ईमानदारी,सादगी में भले लोग हो रहे रोज बेहाल चोंकिए नही इसका दोषी है कलियुग का महाकाल गधे पजरी खा रहे है बौद्धिक बजा रहे सिर्फ गाल इस कलियुग के प्रभाव से अब तो मुक्ति पानी होगी जो विकार घेरे है हम सबको उनको […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।