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बाद मरने के उनको खबर लग गई,कब्र पे आ के आंसू बहाने लगे,
आए हैं अब मेरे दरवाजे पे,छोड़कर जब जहां हम ये जाने लगे।
वादे तो ना निभाए थे पहले कभी,आज रस्में सभी वो निभाने लगे,
जीते जी जो कभी ना हमारे हुए,आज काँधे पे हमको उठाने लगे।
कहने वो ये लगे थे कि उठ जाऊं मैं,बाद मरने के हमसे ये हो न सका,
कल तलक आजमाते थे हमको सभी, आज वो भी हमें आजमाने लगे।
पहले एक आंख भी जिनको भाते न थे, आज लिपटे हुए हैं गले से मेरे
पहले मुझमें बुराई बताते थे सब,अब सभी मुझको अच्छा बताने लगे।
है ये दुनिया गजब है ये दुनिया अलग,क्या पता कब किसी को कहां छोड़ दे,
पहले घर का पता जो बताते न थे,छोड़ने कब्र तक मुझको जाने लगे॥
#आनंद कुमार पाठक
परिचय: आनंद कुमार पाठक का निवास शहर बरेली के शास्त्री नगर(इज़्ज़त नगर) में है। आपकी जन्मतिथि-४ फरवरी १९८८ तथा जन्म स्थान-बरेली(उत्तर प्रदेश)है। एम.बी.ए. सहित एम.ए.(अर्थशास्त्र) की शिक्षा ली है। नौकरी आपका कार्यक्षेत्र है। आपकॊ पढ़ाई में उत्कृष्टता के लिए स्वर्ण पदक मिलना बड़ी उपलब्धि है। लेखन का उद्देश्य-साहित्य में विशेष रुचि होना है।
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वाहह शानदार