बाद मरने के

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anand pathak
बाद मरने के उनको खबर लग गई,कब्र पे आ के आंसू बहाने लगे,
आए हैं अब मेरे दरवाजे पे,छोड़कर जब जहां हम ये जाने लगे।
वादे तो ना निभाए थे पहले कभी,आज रस्में सभी वो निभाने लगे,
जीते जी जो कभी ना हमारे हुए,आज काँधे पे हमको उठाने लगे।
कहने वो ये लगे थे कि उठ जाऊं मैं,बाद मरने के हमसे ये हो न सका,
कल तलक आजमाते थे हमको सभी, आज वो भी हमें आजमाने लगे।
पहले एक आंख भी जिनको भाते न थे, आज लिपटे हुए हैं गले से मेरे
पहले मुझमें बुराई बताते थे सब,अब सभी मुझको अच्छा बताने लगे।
है ये दुनिया गजब है ये दुनिया अलग,क्या पता कब किसी को कहां छोड़ दे,
पहले घर का पता जो बताते न थे,छोड़ने कब्र तक मुझको जाने लगे॥
                                                            #आनंद कुमार पाठक
परिचय: आनंद कुमार पाठक का निवास शहर बरेली के शास्त्री नगर(इज़्ज़त नगर) में है। आपकी जन्मतिथि-४ फरवरी १९८८ तथा जन्म स्थान-बरेली(उत्तर प्रदेश)है। एम.बी.ए. सहित एम.ए.(अर्थशास्त्र) की शिक्षा ली है। नौकरी आपका कार्यक्षेत्र है। आपकॊ पढ़ाई में उत्कृष्टता के लिए स्वर्ण पदक मिलना बड़ी उपलब्धि है। लेखन का उद्देश्य-साहित्य में विशेष रुचि होना है।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।