
रात-भर याद का सताया हुआ दिवाना
सुबह बिछोने पर जिंदा पाया गया दिवाना
सुन्दर चेहरे के निचे आग भरा दिल होगा
जान कर हैरान में दिवाना मुश्किल में परवाना
मुद्दत तलक इश्क फिर ऐब गिना कर चल दिये
मुश्किलें और बढ़ीं मयकदे यारो के मशवरे जा रहा दिवाना
गम कम न हुआ मयकदे के मयकदे पी डाले
हताशा में फांसी का फंदा तलाश लाया दिवाना
नशा मोहब्बत का उतरा होश मैं आया दिवाना
समय के पास हर ज़ख्म की दवा होश ने सलाह दे डाली
फांसी का फंदा फैक आया यकबयक
मस्ताना
तेरी बेवफ़ाई हमें मंजूर गोरी बस तू खूश रहना मेहबूबा
फ़ाड़ दू उसकी तस्वीर कैसे दिवाना मै उसका दिवाना
दिवाना में उसका दिवाना दिवाना हां दिवाना
अलका जैन इंदौर
बीएस सी
दूरदर्शन और आकाशवाणी में कविता पाठ गोल्डन बुक ओफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर
महिला कोमेडियन भी
विभिन्न संगठनों द्वारा सम्मानित
देश के विभिन्न शहरों में कविता पाठ
नेट पर ३०० विडियो उपलब्ध